नई सेवा नीति का संविदा कर्मचारियों ने किया विरोध
मुख्यमंत्री से करेंगे मुलाकात, घोषणा के अनुसार शर्तें लागू करने की करेंगे मांग
भोपाल। प्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने शासन द्वारा जारी की नई सेवा नीति का विरोध शुरू कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सेवा शर्तें नहीं है। संविदा कर्मचारी इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करेंगे और घोषणा के अनुरूप सेवा शर्तें लागू करने की मांग करेंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से 32 विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का अनुबंध की जगह नवीनीकरण किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी सेवा शर्तों के अनुसार संविदा कर्मचारियों को नियमित पद के लिए निर्धारित अधिकतम आयुसीमा में छूट मिलेगी। यह छूट कर्मचारी को उसकी संविदा पद पर कार्यरत वर्ष के अनुसार दी जाएगी। आयु संबंध छूट 55 वर्ष से अधिक नहीं होगी। 1 अप्रैल 2018 से पहले नियुक्त संविदा कर्मचारी को नियमित पद के बराबर वेतन का निर्धारण 7वें वेतनमान के अंतर्ग संबंधित पे-मेट्रिक्स स्तर के न्यूनतम वेतन के बराकबर काल्पनिक आधार पर तय किया जाएगा।
कहा था अनुबंध समाप्त करने का, कर दिया नवीनीकरण
कर्मचारियों का कहना है इसमें सिर्फ नाम बदला है। यानी अनुबंध की तरह ही वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर सेवा आगे बढ़ाएंगे। मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि जबकि मुख्यमंत्री ने अनुबंध समाप्त करने को कहा था, यहां पर सिर्फ नवीनीकरण कर दिया गया। अवकाश भी नियमित कर्मचारियों से आधे है। महंगाई भत्ता की जगह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक देने का प्रावधान किया गया है। सीधी भर्ती में परीक्षा देना पड़ेगा। राठौर ने कहा कि वह इन मुद्दों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर उनकी घोषणा के अनुसार आदेश जारी करने की मांग करेंगे।