भाजपा को प्रदेश में वोट प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद
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2019 में मिले थे 58 फीसदी वोट, अब 62 फीसदी वोट की है उम्मीद
भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा में समीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है। भाजपा पदाधिकारी एक बार फिर बूथ स्तर से फीडबैक ले रहे हैं। भाजपा का दावा है कि इस चुनाव में पार्टी का वोट ष्शेयर बढ़ेगा। भाजपा ने चुनाव के पहले 51 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि पिछले चुनाव 2019 में उसे 58 फीसदी वोट हासिल हुए थे।
प्रदेश में भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले ही प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत और वोट प्रतिशत 51 फीसदी पाने का लक्ष्य तय किया था। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चार चरण पूरे हो जाने के बाद अब भाजपा ने कम मतदान को लेकर बूथ स्तर पर फिर एक बार समीक्षाएं करने का काम तेज किया है। इसके चलते भाजपा का आकलन है कि पार्टी के वोट प्रतिशत में उसे इस बार के चुनाव में भी खासी सफलता हासिल होगी। भाजपा पदाधिकारियों का आकलन है कि पिछले चुनाव 2019 में पार्टी को 58 फीसदी वोट हासिल हुए थे, इस बार यह बढ़कर 62 फीसदी तक पहुंच सकता है।
गौरतलब है कि संगठन ने वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव के पहले से ही बूथ मजबूत करने अभियान चलाया था। इस अभियान में प्रदेश के नेताओं के अलावा राश्टीय नेता भी शामिल हुए थे। इस दौरान बूथ पर तैनात कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपते हुए उसे बताया था कि हर बूथ पर 370 वोट पाने का लक्ष्य पार्टी ने रखा है। इस लक्ष्य की कैसे प्राप्ति की जाए इसकी जानकारी भी कार्यकर्ता को दी थी। पन्ना प्रमुख और अर्द्ध पन्ना प्रमुखों को भी अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई थी। चुनाव के बाद किए जा रहे आकलन के आधार पर भाजपा को उम्मीद है कि उसका कार्यकर्ता मैदान में सक्रिय रहा। भाजपा का अपना वोट बढ़ाने मे ंवह सफल रहा है।
कभी घटा तो कभी बढ़ता रहा वोट प्रतिशत
भाजपा को 1991 के चुनाव के बाद से देखा जाए तो सिर्फ 2009 के चुनाव में वोट प्रतिशत कम हुआ था। देखा जाए तो 1991 के बाद से अब तक उसके वोट प्रतिशत में लगातार इजाफा ही हुआ है। 1991 में भाजपा को 41.88 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। इसके बाद 1996 में 41.32 प्रतिशत, 1998 में 45.73 प्रतिशत, 1999 में 46.58 प्रतिशत, 2004 में 48.13 प्रतिशत, 2009 में 43.45 प्रतिशत, 2014 में 54.02 प्रतिशत और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अब तक का सबसे ज्यादा 58.00 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था।
भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा में समीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है। भाजपा पदाधिकारी एक बार फिर बूथ स्तर से फीडबैक ले रहे हैं। भाजपा का दावा है कि इस चुनाव में पार्टी का वोट ष्शेयर बढ़ेगा। भाजपा ने चुनाव के पहले 51 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि पिछले चुनाव 2019 में उसे 58 फीसदी वोट हासिल हुए थे।
प्रदेश में भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले ही प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत और वोट प्रतिशत 51 फीसदी पाने का लक्ष्य तय किया था। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चार चरण पूरे हो जाने के बाद अब भाजपा ने कम मतदान को लेकर बूथ स्तर पर फिर एक बार समीक्षाएं करने का काम तेज किया है। इसके चलते भाजपा का आकलन है कि पार्टी के वोट प्रतिशत में उसे इस बार के चुनाव में भी खासी सफलता हासिल होगी। भाजपा पदाधिकारियों का आकलन है कि पिछले चुनाव 2019 में पार्टी को 58 फीसदी वोट हासिल हुए थे, इस बार यह बढ़कर 62 फीसदी तक पहुंच सकता है।
गौरतलब है कि संगठन ने वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव के पहले से ही बूथ मजबूत करने अभियान चलाया था। इस अभियान में प्रदेश के नेताओं के अलावा राश्टीय नेता भी शामिल हुए थे। इस दौरान बूथ पर तैनात कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपते हुए उसे बताया था कि हर बूथ पर 370 वोट पाने का लक्ष्य पार्टी ने रखा है। इस लक्ष्य की कैसे प्राप्ति की जाए इसकी जानकारी भी कार्यकर्ता को दी थी। पन्ना प्रमुख और अर्द्ध पन्ना प्रमुखों को भी अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई थी। चुनाव के बाद किए जा रहे आकलन के आधार पर भाजपा को उम्मीद है कि उसका कार्यकर्ता मैदान में सक्रिय रहा। भाजपा का अपना वोट बढ़ाने मे ंवह सफल रहा है।
कभी घटा तो कभी बढ़ता रहा वोट प्रतिशत
भाजपा को 1991 के चुनाव के बाद से देखा जाए तो सिर्फ 2009 के चुनाव में वोट प्रतिशत कम हुआ था। देखा जाए तो 1991 के बाद से अब तक उसके वोट प्रतिशत में लगातार इजाफा ही हुआ है। 1991 में भाजपा को 41.88 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। इसके बाद 1996 में 41.32 प्रतिशत, 1998 में 45.73 प्रतिशत, 1999 में 46.58 प्रतिशत, 2004 में 48.13 प्रतिशत, 2009 में 43.45 प्रतिशत, 2014 में 54.02 प्रतिशत और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अब तक का सबसे ज्यादा 58.00 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था।