लगातार हार के बाद भी बढ़ता जा रहा भाजपा को वोट बैंक
छिंदवाड़ा में 2004 के बाद से लगातार बढ़ रहा मत प्रतिशत
भोपाल। प्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में भले ही कांग्रेस का कब्जा रहा हो, मगर पिछले चार चुनाव से यहां भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। 2004 के लोकसभा चुनाव में 32.45 फीसदी मत भाजपा को मिले थे, जबकि 2019 के चुनाव में यह प्रतिशब बढ़कर 44.05 हो गया था।
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर कब्जा करने के लिए भाजपा ने इस बार फिर कमर कसी है। प्रदेश की सभी सीटों से ज्यादा भाजपा का फोकस इस सीट पर जीत हासिल करने का है। 1952 के बाद से हुए लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक यह कांग्रेस का गढ़ रही है। इस सीट पर केवल एक बार 1997 में भाजपा को जीत हासिल हुई थी। इसके बाद से भाजपा इस सीट पर जीत के लिए जूझती रही है। कई बार इस सीट को जीतने का लक्ष्य रखा, मगर भाजपा को अब तक कामयाबी हासिल नहीं हुई है। धीरे-धीरे यह सीट अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ बन गई। यही वजह है कि 2019 के बाद से भाजपा ने एक बार फिर पूरी ताकत के साथ इस सीट को पाने का लक्ष्य रखा है। 2019 में तो भाजपा इस लक्ष्य को पा नहीं सकी, मगर इस बार एक बार फिर मैदान में दिग्गजों की फौज के साथ भाजपा इस सीट को पाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है।
भाजपा को इस सीट पर लगातार हार जरूर मिलती जा रही है, मगर पिछले चार लोकसभा चुनाव का इतिहास यह बताता है कि भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। 2004 के बाद से 2019 के लोकसभा चुनाव तक लगातार भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ा है। 2004 की तुलना में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 11.6 प्रतिशत मत ज्यादा मिले थे। मगर अंतर सिर्फ यह था कि 2019 में कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर खुद कमलनाथ नहीं थे, बल्कि उनके बेटे नकुलनाथ ने यह चुनाव लड़ा था।
सातों विधानसभा सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें आती है। इनमें सातों पर 2023 के विधानसभा में कांग्रेस को जीत हासिल हुई है। इन सात सीटों में चार सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटें है। आदिवासी वर्ग का मतदाता अब तक कांग्रेस के साथ रहा है। इस लिहाज से कांग्रेस इसे अब भी मजबूत मान रही है। लेकिन सातों सीटों पर कब्जा होने के बाद भी इस बार उसके लिए चुनौती खड़ी हुई है। भाजपा की जमावट के चलते कई नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए है, यह सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने आई है।
लोस चुनाव प्रतिशत
2019 44.05
2014 40.01
2009 34.79
2004 32.45