पिता बेटे को, पति पत्नी को नहीं दिला सके जीत
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भोपाल। लोकसभा चुनाव में इस बार अजीब नजारे भी देखने को मिले हैं। प्रत्याशी चयन में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में परिवारवाद चला। मगर जब चुनाव परिणाम आया तो खुद पिता अपनी विधानसभा सीट में बेटे को और पति अपनी पत्नी को ही जीत नहीं दिला सके।
लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से नकुलनाथ प्रत्याशी थे। उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं। मगर छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भी नकुलनाथ को तेरह हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह रतलाम-झाबुआ में कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया झाबुआ विधानसभा सीट से विधायक है। इस सीट पर कांतिलाल भूरिया को नौ हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली है। वहीं रीवा से चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस की महिला प्रत्याशी नीलम मिश्रा के पति अभय मिश्रा सेमरिया से विधायक है। मगर वे भी अपनी विधानसभा सीट पर पत्नी को जीत नहीं दिला सके। नीलम मिश्रा अपने पति के विधानसभा क्षेत्र में 8 हजार वोटों से चुनाव हारी हैं।
जयवर्धन और नागर सिंह रहे सफल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ से चुनाव लड़े। हालांकि वे चुनाव हार गए। मगर उनके बेटे जयवर्धन सिंह राघौगढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं। जयवर्धन सिंह ने अपने पिता की जीत के लिए खूब मेहनत भी की और परिणाम भी दिलाया। जयवर्धन की सीट पर दिग्विजय सिंह 11 हजार से ज्यादा वोटों से जीते हैं। वहीं राज्य के मंत्री नागर सिंह चौहान अपने विधानसभा क्षेत्र अलीराजपुर में अपनी पत्नी अनिता नागर चौहान को 51 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीताने में सफल रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से नकुलनाथ प्रत्याशी थे। उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं। मगर छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भी नकुलनाथ को तेरह हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह रतलाम-झाबुआ में कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया झाबुआ विधानसभा सीट से विधायक है। इस सीट पर कांतिलाल भूरिया को नौ हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली है। वहीं रीवा से चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस की महिला प्रत्याशी नीलम मिश्रा के पति अभय मिश्रा सेमरिया से विधायक है। मगर वे भी अपनी विधानसभा सीट पर पत्नी को जीत नहीं दिला सके। नीलम मिश्रा अपने पति के विधानसभा क्षेत्र में 8 हजार वोटों से चुनाव हारी हैं।
जयवर्धन और नागर सिंह रहे सफल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ से चुनाव लड़े। हालांकि वे चुनाव हार गए। मगर उनके बेटे जयवर्धन सिंह राघौगढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं। जयवर्धन सिंह ने अपने पिता की जीत के लिए खूब मेहनत भी की और परिणाम भी दिलाया। जयवर्धन की सीट पर दिग्विजय सिंह 11 हजार से ज्यादा वोटों से जीते हैं। वहीं राज्य के मंत्री नागर सिंह चौहान अपने विधानसभा क्षेत्र अलीराजपुर में अपनी पत्नी अनिता नागर चौहान को 51 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीताने में सफल रहे हैं।