तीसरे चरण की सीटों ने बढ़ाई भाजपा की चिंता
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अमित शाह ने की पहले चरण की सीटों की समीक्षा
भोपाल। राज्य में लोकसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान हो चुके हैं। इसके बाद भाजपा में अब तीसरे चरण की नौ सीटों के लिए होने वाले मतदान की चिंता बढ़ी है। यही वजह है कि केन्द्रीय मंत्री अमित शाह भोपाल पहुंचे और रात्रि विश्राम कर उन्होंने पहले चरण में जिन सीटों के लिए मतदान हुआ उनकी समीक्षा की और तीसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों को फोकस करते हुए भाजपा नेताओं को रणनीति के तहत काम करने की बात कही। तीसरे चरण के लिए होने वाले मतदान वाली नौ सीटों में से तीन सीटों पर दिग्गज नेताओं के मैदान में होने से भाजपा के अलावा कांग्रेस भी बेचैन है।
प्रदेश में दो चरणों के मतदान होने के साथ ही बारह लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। अब राज्य में तीसरे चरण में नौ सीटों मुरैना, भिंड, गुना, ग्वालियर, सागर, भोपाल, विदिशा, राजगढ़ और बैतूल संसदीय सीटों के लिए 7 मई को मतदान होना है। इन नौ सीटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की सक्रियता नजर आई है। भाजपा के दिग्गजों खासकर स्टार प्रचारकों की सभाएं पहले से ही इन सीटों पर हो चुकी है। जबकि भोपाल, बैतूल और मुरैना में खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभाएं और रोड ष्शो के जरिए भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया है। इसी तरह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुना और राजगढ़ पर अपना चुनाव प्रचार केन्द्रित कर सभाएं की है। गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदिशा में शिवराज सिंह चौहान और राजगढ़ में दिग्विजय सिंह के मैदान में होने से सभी की निगाहें भी इन सीटों पर टिकी हुई है। भाजपा गुना और विदिशा में जीत को लेकर आश्वस्त है, मगर राजगढ़ संसदीय सीट पर वह मेहनत करने की बात कर रही है। इस सीट को लेकर खुद केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं के साथ बीती रात बातचीत की और जीत की रणनीति पर काम करने को कहा।
प्रदर्शन नहीं सुधरा तो हो सकता है नुकसान
सूत्रों की माने तो अमित शाह के साथ हुई प्रदेश के नेताओं की बैठक में शाह ने पहले तो पहले चरण की छह सीटों पर हुए मतदान की समीक्षा की। बताया जाता है कि इन सीटों में से भाजपा को छिंदवाड़ा और मंडला सीट पर कमजोर आंका गया है। हालांकि भाजपा नेता मंडला में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। वहीं छिंदवाड़ा के परिणाम पर खुलकर कोई बात कहते नजर नहीं आया। इसके बाद दूसरे चरणी की सभी छह सीटों पर भाजपा नेता अपने प्रत्याशियों की जीत मान रहे हैं। वहीं शाह ने तीसरे चरण की नौ सीटों पर ध्यान रखते साफ संदेश दिया कि अगर समय रहते प्रदर्शन नहीं सुधरा तो भाजपा को मध्यप्रदेश में नुकसान हो सकता है। इसके चलते तीसरे चरण और चौथे चरण के मतदान वाली सत्रह सीटों पर फोकस करते हुए जीत की रणनीति के साथ मैदान में उतरा जाए।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी विधायकों को
सूत्रों के अनुसार शाह ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। हर विधायक को प्रति बूथ 370 वोट बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। इस हिदायत में यह भी जोड़ा गया है कि लोकसभा चुनाव के मतदान स्तर के आधार पर विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। इसके आधार पर ही उनकी अगली रूपरेखा तय होगी।
भोपाल। राज्य में लोकसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान हो चुके हैं। इसके बाद भाजपा में अब तीसरे चरण की नौ सीटों के लिए होने वाले मतदान की चिंता बढ़ी है। यही वजह है कि केन्द्रीय मंत्री अमित शाह भोपाल पहुंचे और रात्रि विश्राम कर उन्होंने पहले चरण में जिन सीटों के लिए मतदान हुआ उनकी समीक्षा की और तीसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों को फोकस करते हुए भाजपा नेताओं को रणनीति के तहत काम करने की बात कही। तीसरे चरण के लिए होने वाले मतदान वाली नौ सीटों में से तीन सीटों पर दिग्गज नेताओं के मैदान में होने से भाजपा के अलावा कांग्रेस भी बेचैन है।
प्रदेश में दो चरणों के मतदान होने के साथ ही बारह लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। अब राज्य में तीसरे चरण में नौ सीटों मुरैना, भिंड, गुना, ग्वालियर, सागर, भोपाल, विदिशा, राजगढ़ और बैतूल संसदीय सीटों के लिए 7 मई को मतदान होना है। इन नौ सीटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की सक्रियता नजर आई है। भाजपा के दिग्गजों खासकर स्टार प्रचारकों की सभाएं पहले से ही इन सीटों पर हो चुकी है। जबकि भोपाल, बैतूल और मुरैना में खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभाएं और रोड ष्शो के जरिए भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया है। इसी तरह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुना और राजगढ़ पर अपना चुनाव प्रचार केन्द्रित कर सभाएं की है। गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदिशा में शिवराज सिंह चौहान और राजगढ़ में दिग्विजय सिंह के मैदान में होने से सभी की निगाहें भी इन सीटों पर टिकी हुई है। भाजपा गुना और विदिशा में जीत को लेकर आश्वस्त है, मगर राजगढ़ संसदीय सीट पर वह मेहनत करने की बात कर रही है। इस सीट को लेकर खुद केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं के साथ बीती रात बातचीत की और जीत की रणनीति पर काम करने को कहा।
प्रदर्शन नहीं सुधरा तो हो सकता है नुकसान
सूत्रों की माने तो अमित शाह के साथ हुई प्रदेश के नेताओं की बैठक में शाह ने पहले तो पहले चरण की छह सीटों पर हुए मतदान की समीक्षा की। बताया जाता है कि इन सीटों में से भाजपा को छिंदवाड़ा और मंडला सीट पर कमजोर आंका गया है। हालांकि भाजपा नेता मंडला में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। वहीं छिंदवाड़ा के परिणाम पर खुलकर कोई बात कहते नजर नहीं आया। इसके बाद दूसरे चरणी की सभी छह सीटों पर भाजपा नेता अपने प्रत्याशियों की जीत मान रहे हैं। वहीं शाह ने तीसरे चरण की नौ सीटों पर ध्यान रखते साफ संदेश दिया कि अगर समय रहते प्रदर्शन नहीं सुधरा तो भाजपा को मध्यप्रदेश में नुकसान हो सकता है। इसके चलते तीसरे चरण और चौथे चरण के मतदान वाली सत्रह सीटों पर फोकस करते हुए जीत की रणनीति के साथ मैदान में उतरा जाए।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी विधायकों को
सूत्रों के अनुसार शाह ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। हर विधायक को प्रति बूथ 370 वोट बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। इस हिदायत में यह भी जोड़ा गया है कि लोकसभा चुनाव के मतदान स्तर के आधार पर विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। इसके आधार पर ही उनकी अगली रूपरेखा तय होगी।