उठने लगी कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग
भोपाल। प्रदेश के कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग उठने लगी है। डा मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस मांग को लेकर अभाविप पदाधिकारी लगातार यह मांग उठा रहे हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने इस आशय की मांग की है। उन्होंने कहा है, इस अभाविप परिषद पूरी तरह तैयार है। किसी भी कीमत पर अब मध्य प्रदेश में छात्र संघ चुनाव होकर रहेगें। शुक्ला ने कहा है। चुनाव से छात्रों में लीडरशिप क्वालिटी डवलप होती है। इसका लाभ राजनीति सहित समाज के प्रत्येक क्षेत्र में मिलता है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में साल 2011-12 में मेरिट के आधार पर छात्र नेता का चुनाव किया गया था। इसके बाद से चुनाव बंद है। अब पूर्व की तरह ही मतदान के आधार पर चुनाव कराने की मांग छात्र संगठन कर रहे है। अभाविप को इस बार इसलिए भी उम्मीद ज्यादा है, क्योंकि शिवराज सरकार में डॉ मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे। तब अंतिम समय छात्र संघ चुवाव पर मुहर लग गयी थी। लेकिन घोषणा नही हो सकी। ऐसे में मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद अभाविप को ज्यादा उम्मीदे है, अब देखना ये हो कि क्या छात्र संघ चुनाव होते है? लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्रसंघ चुनाव 1987 के बाद से बंद हो गए थे। इसके बाद 1994 तक यह चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से आयोजित किए जाते रहे। वर्ष 2003 में तत्कालीन दिग्विजय सरकार ने चुनाव के दौरान होने वाली हिंसा को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। एक साल के प्रतिबंध के बाद 2005 में मेरिट के आधार पर चुनाव हुए थे, जो अगले दो साल तक चले। वर्ष 2007 में उज्जैन में हुए प्रो. सभरवाल कांड के कारण सरकार ने एक बार फिर छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा दी थी। बाद में छात्र संगठनों की मांग पर सरकार ने सत्र 2010-11 व 2011-12 में चुनाव कराए थे। इसके बाद से अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं।