थमा चुनाव प्रचार, राजा, महाराजा और मामा का भविष्य दांव पर
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सात मई मतदाता ईवीएम का दबाएगा बटन, तय करेगा भविष्य
भोपाल। प्रदेश में नौ लोकसभा सीटों के लिए सात मई को होने वाले मतदान के पहले आज शाम को चुनाव प्रचार थम गया। मतदान के इस चरण में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुना से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्रों में मतदान होना है। ये तीनों सीटें प्रतिष्ठा की मानी जा रही है, इन सीटों पर तीनों दिग्गजों का भविष्य दांव लगा हुआ है। अब मतदान सात मई को मतदान कर इनके भविश्य का फैसला करेगा।
प्रदेश में तीसरे चरण के लिए होने वाले मतदान में तीन सीटों राजगढ़, विदिश और गुना-शिवपुरी पर चुनाव हाईप्रोफाइल हो गया है। इनमें राजगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विदिशा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुना में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में हैं। यहां पर तीनों ही प्रत्याशियों के सामने खड़े हुए दूसरे दलों के प्रत्याशी भी अच्छी टक्कर दे रहे हैं, इसके चलते मुकाबला कड़ा और रोचक हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करीब तीन दशक बाद अपने गृह क्षेत्र राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव इस सीट से भाजपा के रोडमल नागर जीतते आए हैं। दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला हो गया है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृह क्षेत्र विदिशा से सबसे बड़ी जीत का लक्ष्य लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। वे भी दो दशक से ज्यादा के समय बाद विदिशा लोकसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद शिवराज को लाडली बहनों से भरपूर वोट की उम्मीद है। उनके खिलाफ कांग्रेस ने दो बार सांसद रहे प्रतापभानु ष्शर्मा को मैदान में उतारा है। कांग्रेस प्रत्याशी ने भी जमकर मेहनत कर चुनावी मुकाबले को कड़ा कर दिया है। इसके अलावा गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हार गए थे। इसके बाद इस बार वे भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खूब मेहनत की है। इसके चलते यह सीट उनके के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेन्द्र सिंह यादव हैं, जिसके चलते यहां पर भी मुकाबला कड़ा हुआ है।
भिंड, मुरैना, ग्वालियर में बसपा प्रत्याशियों ने बिगाड़े समीकरण
राज्य के भिंड, मुरैना और ग्वालियर में बसपा के प्रत्याशियों ने दोनों ही दलों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। यहां दोनों ही दलों को जीत के लिए खूब पसीना बहाना पड़ा है। तीनों प्रत्याशी कांग्रेस से टिकट ना मिलने के चलते नाराज होकर बसपा के चुनाव चिन्ह पर मैदान में है। भिंड में देवाशीष जरारिया, मुरैना में रमेशचंद्र गर्ग और ग्वालियर में कल्याण सिंह कंसाना मैदान में है। इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों की सभाएं भी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी भी इस अंचल में रोड शो और सभा कर चुकी है। इसके अलावा भोपाल बैतूल और सागर में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है। ये तीनों सीटें भाजपा की परंपरागत सीटें मानी जाती है।
भोपाल। प्रदेश में नौ लोकसभा सीटों के लिए सात मई को होने वाले मतदान के पहले आज शाम को चुनाव प्रचार थम गया। मतदान के इस चरण में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुना से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्रों में मतदान होना है। ये तीनों सीटें प्रतिष्ठा की मानी जा रही है, इन सीटों पर तीनों दिग्गजों का भविष्य दांव लगा हुआ है। अब मतदान सात मई को मतदान कर इनके भविश्य का फैसला करेगा।
प्रदेश में तीसरे चरण के लिए होने वाले मतदान में तीन सीटों राजगढ़, विदिश और गुना-शिवपुरी पर चुनाव हाईप्रोफाइल हो गया है। इनमें राजगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विदिशा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुना में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में हैं। यहां पर तीनों ही प्रत्याशियों के सामने खड़े हुए दूसरे दलों के प्रत्याशी भी अच्छी टक्कर दे रहे हैं, इसके चलते मुकाबला कड़ा और रोचक हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करीब तीन दशक बाद अपने गृह क्षेत्र राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव इस सीट से भाजपा के रोडमल नागर जीतते आए हैं। दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला हो गया है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृह क्षेत्र विदिशा से सबसे बड़ी जीत का लक्ष्य लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। वे भी दो दशक से ज्यादा के समय बाद विदिशा लोकसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद शिवराज को लाडली बहनों से भरपूर वोट की उम्मीद है। उनके खिलाफ कांग्रेस ने दो बार सांसद रहे प्रतापभानु ष्शर्मा को मैदान में उतारा है। कांग्रेस प्रत्याशी ने भी जमकर मेहनत कर चुनावी मुकाबले को कड़ा कर दिया है। इसके अलावा गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हार गए थे। इसके बाद इस बार वे भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खूब मेहनत की है। इसके चलते यह सीट उनके के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेन्द्र सिंह यादव हैं, जिसके चलते यहां पर भी मुकाबला कड़ा हुआ है।
भिंड, मुरैना, ग्वालियर में बसपा प्रत्याशियों ने बिगाड़े समीकरण
राज्य के भिंड, मुरैना और ग्वालियर में बसपा के प्रत्याशियों ने दोनों ही दलों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। यहां दोनों ही दलों को जीत के लिए खूब पसीना बहाना पड़ा है। तीनों प्रत्याशी कांग्रेस से टिकट ना मिलने के चलते नाराज होकर बसपा के चुनाव चिन्ह पर मैदान में है। भिंड में देवाशीष जरारिया, मुरैना में रमेशचंद्र गर्ग और ग्वालियर में कल्याण सिंह कंसाना मैदान में है। इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों की सभाएं भी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी भी इस अंचल में रोड शो और सभा कर चुकी है। इसके अलावा भोपाल बैतूल और सागर में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है। ये तीनों सीटें भाजपा की परंपरागत सीटें मानी जाती है।