17 के बजाय 20 को पोस्टल बैलेट से कराया मतदान
आयोग तक पहुंचा मामला, हो सकती है कार्रवाई
भोपाल। खंडवा जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा 17 के बजाय 20 नवंबर को पोस्टल बैलेट से कराए मतदान का मामला गर्मा गया है। चुनाव आयोग तक यह शिकायत पहुंची है। माना जा रहा है कि इसे लेकर आयोग सख्त कदम उठा सकताहै। आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया और केन्द्रीय चुनाव आयोग से अभिमत मांगा है।
दरअसल मामला चुनाव आयोग की अनुमति के बिना पोस्टल बैलेट से 17 नवंबर के बजाय 20 नवंबर को मतदान कराने का है। मध्यप्रदेश में मतदान की तारीख 17 नवंबर बीतने के तीन दिन बाद वोटिंग की गई है। प्रदेश के खंडवा जिले में 20 नवंबर को 123 डाक मतपत्र डलवाये गए है। पूरा मामला केंद्रीय चुनाव आयोग के पास पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने केंद्रीय इलेक्शन कमीशन से अभिमत मांगा है। चौकाने वाले मामला तो यह हैं कि जिला निर्वाचन अधिकारी को बिना बताए डाक मतपत्र डलवाये गए है। मामले को लेकर मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि हमारे संज्ञान मे खंडवा का पूरा मामला है। मामले की जानकारी केंद्रीय चुनाव आयोग को दी गई है। केंद्रीय चुनाव आयोग जो हमें आदेश देगा उसके बाद हम कार्रवाई करेंगे। माना जा रहा है कि इस मामले को लेकर चुनाव आयोग जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई कर सकता है।
इसलिए कराया मतदान
इस पूरे मामले को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट में इन वोटों को शून्य घोषित करने को कहा है। मिली जानकारी के अनुसार चुनाव की वोटिंग के लिए तैनात किए गए नोडल अधिकारी ने खंडवा जिला निर्वाचन अधिकारी को बिना बताए ही डाक मतपत्र डलवा दिए। बता दें कि चुनाव में तैनात कर्मचारियों से प्रशिक्षण के दौरान डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान कराया गया, इसमें वे कर्मचारी शामिल है जिनकी ड्यूटी 17 नवंबर को खंडवा से बाहर थे।