महाकौशल में जमीन तलाश रही भारत आदिवासी पार्टी
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रतलाम के बाद मंडला में उतारा प्रत्याशी
भोपाल। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रभाव वाले अंचल महाकौशल में अब भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने पैर पसारे हैं। विधानसभा चुनाव 2023 में मालवा अंचल में एक विधायक को जीत दिलाने के बाद पार्टी का फोकस अब महाकौशल अंचल पर हुआ है। पार्टी ने मंडला संसदीय सीट पर अपना प्रत्याशी मैदान में उतारकर गोंगपा के कम होते प्रभाव में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया है।
महाकौशल अंचल के तीन संसदीय क्षेत्रों मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा में आदिवासी मतदाताओं की संख्या खासा है। आदिवासी मतदाता यहां जीत-हार के परिणाम को खासा प्रभावित करते रहे हैं। इस अंचल के आदिवासी मतदाता के बीच कभी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का खासा प्रभार रहा। मगर अब पिछले एक दशक से पार्टी का जनाधार दरक रहा है। जिसे देखते हुए इस बार लोकसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने अंचल में अपनी जमीन तलाशना ष्शुरू कर दी है। पार्टी ने पहली बार इस अंचल में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी मैदान में उतारा है। भारत आदिवासी पार्टी ने मंडला में अपना प्रत्याशी मैदान में उतारकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की चिंता बढ़ा दी है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सामने भी संकट खड़ा कर दिया है। भारत आदिवासी पार्टी ने मंडला में चरण सिंह धुर्वे को प्रत्याशी बनाया है। धुर्वे ने अपना नामांकन भर दिया है। धुर्वे के मैदान में उतरने से भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। भाजपा ने यहां पूर्व केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस ने विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मैदान में उतारा है। दोनों ही प्रत्याशियों के सामने अब आदिवासी मतदाता को साधने की चिंता बढ गई है।
विधानसभा चुनाव में एक सीट पर मिली थी जीत
विधानसभा 2023 के चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी को मालवा के सैलाना विधानसभा सीट पर प्रदेश में पहली जीत हासिल हुई थी। इस सीट पर उसके प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार ने जीत हासिल की है। इस जीत के बाद पार्टी ने प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य तय किया है। महाकौशल अंचल में एक दशक में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रभाव जिस तरह से कम हुआ है, उसका फायदा अब भारत आदिवासी पार्टी उठाना चाहती है।
आधा दर्जन सीटों पर उतारेंगे प्रत्याशी
भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने बताया कि फिलहाल मध्यप्रदेश में दो स्थानों रतलाम-झाबुआ और मंडला में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। हमारे लक्ष्य इस लोकसभा चुनाव में आदिवासी प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्रत्याशी मैदान में उतारने का है। हम कम से कम छह से सात सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। इनमें मालवा के अलावा महाकौशल और विंध्य अंचल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासी वर्ग के मतदाताओं के बीच हम अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं, जिसके चलते मालवा के बाद अब हमारा फोकस महाकौशल अंचल पर है।
भोपाल। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रभाव वाले अंचल महाकौशल में अब भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने पैर पसारे हैं। विधानसभा चुनाव 2023 में मालवा अंचल में एक विधायक को जीत दिलाने के बाद पार्टी का फोकस अब महाकौशल अंचल पर हुआ है। पार्टी ने मंडला संसदीय सीट पर अपना प्रत्याशी मैदान में उतारकर गोंगपा के कम होते प्रभाव में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया है।
महाकौशल अंचल के तीन संसदीय क्षेत्रों मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा में आदिवासी मतदाताओं की संख्या खासा है। आदिवासी मतदाता यहां जीत-हार के परिणाम को खासा प्रभावित करते रहे हैं। इस अंचल के आदिवासी मतदाता के बीच कभी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का खासा प्रभार रहा। मगर अब पिछले एक दशक से पार्टी का जनाधार दरक रहा है। जिसे देखते हुए इस बार लोकसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने अंचल में अपनी जमीन तलाशना ष्शुरू कर दी है। पार्टी ने पहली बार इस अंचल में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी मैदान में उतारा है। भारत आदिवासी पार्टी ने मंडला में अपना प्रत्याशी मैदान में उतारकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की चिंता बढ़ा दी है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सामने भी संकट खड़ा कर दिया है। भारत आदिवासी पार्टी ने मंडला में चरण सिंह धुर्वे को प्रत्याशी बनाया है। धुर्वे ने अपना नामांकन भर दिया है। धुर्वे के मैदान में उतरने से भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। भाजपा ने यहां पूर्व केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस ने विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मैदान में उतारा है। दोनों ही प्रत्याशियों के सामने अब आदिवासी मतदाता को साधने की चिंता बढ गई है।
विधानसभा चुनाव में एक सीट पर मिली थी जीत
विधानसभा 2023 के चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी को मालवा के सैलाना विधानसभा सीट पर प्रदेश में पहली जीत हासिल हुई थी। इस सीट पर उसके प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार ने जीत हासिल की है। इस जीत के बाद पार्टी ने प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य तय किया है। महाकौशल अंचल में एक दशक में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रभाव जिस तरह से कम हुआ है, उसका फायदा अब भारत आदिवासी पार्टी उठाना चाहती है।
आधा दर्जन सीटों पर उतारेंगे प्रत्याशी
भारत आदिवासी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने बताया कि फिलहाल मध्यप्रदेश में दो स्थानों रतलाम-झाबुआ और मंडला में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। हमारे लक्ष्य इस लोकसभा चुनाव में आदिवासी प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्रत्याशी मैदान में उतारने का है। हम कम से कम छह से सात सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। इनमें मालवा के अलावा महाकौशल और विंध्य अंचल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासी वर्ग के मतदाताओं के बीच हम अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं, जिसके चलते मालवा के बाद अब हमारा फोकस महाकौशल अंचल पर है।