भाजपा संविधान बदलना चाहती है, ताकि आरक्षण खत्म कर सके
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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि भाजपा संविधान बदलना चाहती है और आरक्षण ख़त्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से समाज के वंचित, दलित, आदिवासियों और ग़रीबों के साथ रही है और सरकार बनने पर वो उन बस्तियों को अनुसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित करेगी जो आदिवासी बहुल होंगे।
कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ‘भारतीय जनता पार्टी संविधान बदलना चाहती है ताकि आरक्षण समाप्त कर सके और समाज के वंचित वर्ग के अधिकार छीन सके। लेकिन कांग्रेस यह नहीं होने देगी। कांग्रेस अपने न्याय पत्र में हिस्सेदारी न्याय लेकर आयी है। जिसके तहत 1. गिनती करो- सामाजिक व आर्थिक समानता के लिए हर व्यक्ति, हर वर्ग की गिनती। 2. आरक्षण का हक- संवैधानिक संशोधन द्वारा 50 फीसदी सीमा हटाकर एस, एसटी, ओबीसी को आरक्षण का पूरा हक। 3. एससी, एसटी सब प्लान की कानूनी गारंटी-जितनी एससी, एसटी जनसंख्या, उतना बजट; यानी ज़्यादा हिस्सेदारी। 4.जल-जंगल-ज़मीन का क़ानूनी हक़- वन अधिकार क़ानून वाले पट्टों का 1 साल में फैसला। 5.अपनी धरती, अपना राज – कांग्रेस उन बस्तियों को अनुसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित करेगी जहां आदिवासी सबसे बड़ा सामाजिक समूह हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर हमलावर है। एक तरफ़ कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा को चार सौ से ज़्यादा सीटें इसलिए चाहिए ताकि वो बाबा साहब अंबेडकर का संविधान बदल सके। उसका कहना है कि भाजपा दलित, आदिवासियों और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीनना चाहती है। जबकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस एससी एसटी ओबीसी के आरक्षण में सेंध लगाकर मुसलमानों को देना चाहती है।
कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ‘भारतीय जनता पार्टी संविधान बदलना चाहती है ताकि आरक्षण समाप्त कर सके और समाज के वंचित वर्ग के अधिकार छीन सके। लेकिन कांग्रेस यह नहीं होने देगी। कांग्रेस अपने न्याय पत्र में हिस्सेदारी न्याय लेकर आयी है। जिसके तहत 1. गिनती करो- सामाजिक व आर्थिक समानता के लिए हर व्यक्ति, हर वर्ग की गिनती। 2. आरक्षण का हक- संवैधानिक संशोधन द्वारा 50 फीसदी सीमा हटाकर एस, एसटी, ओबीसी को आरक्षण का पूरा हक। 3. एससी, एसटी सब प्लान की कानूनी गारंटी-जितनी एससी, एसटी जनसंख्या, उतना बजट; यानी ज़्यादा हिस्सेदारी। 4.जल-जंगल-ज़मीन का क़ानूनी हक़- वन अधिकार क़ानून वाले पट्टों का 1 साल में फैसला। 5.अपनी धरती, अपना राज – कांग्रेस उन बस्तियों को अनुसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित करेगी जहां आदिवासी सबसे बड़ा सामाजिक समूह हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर हमलावर है। एक तरफ़ कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा को चार सौ से ज़्यादा सीटें इसलिए चाहिए ताकि वो बाबा साहब अंबेडकर का संविधान बदल सके। उसका कहना है कि भाजपा दलित, आदिवासियों और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीनना चाहती है। जबकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस एससी एसटी ओबीसी के आरक्षण में सेंध लगाकर मुसलमानों को देना चाहती है।