मुस्लिम बहुल सीटों पर बैठाने लगे सियासी गणित
भाजपा, कांग्रेस के अलावा ओवैसी की पार्टी भी हुई सक्रिय
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस के अलावा ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी मुस्लिम बहुल वाली विधानसभा सीटों पर अपने सियासी गणित बैठा रहे हैं। राज्य में करीब तीन दर्जन ऐसी सीटें हैं, जिन पर मुस्लिम मतदाता परिणामों को प्रभावित करते हैं।
प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के सामने अब मुस्लिम बहुल वाली सीटें परेशानी खड़ी कर रही है। दोनों ही दलों को नगरीय निकाय चुनाव के परिणामों को देखते हुए इन सीटों को लेकर चिंता सताने लगी है। खासकर असुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने जिस तरह से चंद स्थानों पर परिणामों पर असर दिखाया था। बुरहानपुर में तो कांग्रेस को महापौर पद पर हार का सामना भी इसी पार्टी के उम्मीदवार के चलते करना पड़ा था। बुरहानपुर के अलावा उज्जैन में भी ओवैसी की पार्टी की प्रत्याशी ने कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिया थे। वहीं कुछ स्थानों पर पार्शद पद के लिए उतारे गए उम्मीदवारां ने कांग्रेस के अलावा भाजपा के उम्मीदवारों को भी कड़ी चुनौती दी थी। यही वजह है कि भाजपा की चिंता इन सीटों पर बड़ी है इसके चलते भाजपा के समर्थन में अब संघ सक्रिय हुआ है। संघ ने अल्पसंख्यक मतदाताओं को पार्टी की ओर आकर्षित करने के लिए संघ से संबद्ध राष्ट्रीय मुस्लिम मंच को प्रदेश में सक्रिय किया है। मंच द्वारा प्रदेश में सामाजिक स्तर पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। साथ ही इस वर्ग के हानि-लाभ को भी तलाशा जा रहा है।
इंदौर पहुंचे ओवैसी
एआईएमआईएम के प्रमुख असुददीन ओवैसी शनिवार को अचानक इंदौर पहुंचे और उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों के अलावा कार्यकर्ताओं एवं मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों से मुलाकात की। वे इस दौरान राउ और महू भी पहुंचे थे एवं यहां पर जमातों से भी मिले। बताया जा रहा है कि इंदौर की तीन सीटों पर ओवैसी की सीधी नजर है। ये तीन सीटें इंदौर क्रमांक एक, इंदौर क्रमांक पांच और देपालपुर हैं। यहां पर मुस्लिम मतदाता सीधे तौर पर परिणामों को प्रभावित करता है। ओवैसी के सक्रिय होने से कांग्रेस को ज्यादा चिंता हो रही है।