विजयपुर में बसपा ने दी राहत, बुधनी में सपा ने बढ़ाई चिंता
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उपचुनाव में बसपा मैदान में नहीं उतारेगी प्रत्याशी
भोपाल। विधानसभा और लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वाली बहुजन समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव में प्रत्याशी ना उतारने का फैसला लिया है। बुधनी और विजयपुर दोनों ही स्थानों पर बसपा ने प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे हैं। बसपा के इस फैसले से विजयपुर में तो कांग्रेस को राहत मिली है, मगर बुधनी में सपा ने कांग्रेस की राह में रोड़े अटकाने का काम कर दिया है।
प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने कई स्थानों पर कांग्रेस की जीत के समीकरण बिगाड़ दिए थे। इसके चलते कई स्थानों पर कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे नंबर पर और कुछ स्थानों पर कम मार्जिन के कारण हारते नजर आए थे। इसके बाद अब प्रदेश में बुधनी और विजयपुर में उपचुनाव होना है। बहुजन समाज पार्टी ने दोनों ही सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में ना उतारने का फैसला लिया है। आज नामांकन की अंतिम तारीख थी। बसपा की ओर से दोनों ही स्थानों पर प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे गए हैं। इससे कांग्रेस को विजयपुर विधानसभा सीट पर कुछ राहत मिली है। यहां पर बसपा प्रत्याशी के ना होने से उसके वोट बैंक में सेंधमारी नहीं हो सकेगी। ऐसा कांग्रेस नेता मान रहे हैं। वहीं भाजपा इसे अपने पक्ष में मानकर चल रही है। हालांकि यह तो समय बताएगा कि बसपा के इस कदम का क्या असर होता है। वहीं बुधनी में बसपा का खास प्रभाव अब तक किसी भी चुनाव में देखने को नजर नहीं आया है। विजयपुर में जरूर उसका वोट बैंक है और वह परिणाम को प्रभावित करते रहा है।
कांग्रेस की राह में सपा बनी रोढ़ा
बुधनी विधानसभा सीट पर बसपा ने तो प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा, मगर समाजवादी पार्टी ने यहां पर कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए अर्जुन आर्य को मैदान में उतार दिया है। आर्य ने अपना नामांकन भी भर दिया है। आर्य के मैदान में उतरने से यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है। कांग्रेस के प्रत्याशी राजकुमार पटेल के लिए आर्य मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। आर्य की छवि बुधनी विधानसभा क्षेत्र में जुझारू किसान नेता की रही है। किसानों के बीच उनके अच्छी पैठ रही है। वे किसानों के मुद्दों को लेकर आंदोलन करते रहे हैं और जेल भी गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि किसानों के लिए जो संघर्ष उन्होंने किया उसका फायदा इस चुनाव में उन्हें मिल सकता है।
भोपाल। विधानसभा और लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव परिणाम को प्रभावित करने वाली बहुजन समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव में प्रत्याशी ना उतारने का फैसला लिया है। बुधनी और विजयपुर दोनों ही स्थानों पर बसपा ने प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे हैं। बसपा के इस फैसले से विजयपुर में तो कांग्रेस को राहत मिली है, मगर बुधनी में सपा ने कांग्रेस की राह में रोड़े अटकाने का काम कर दिया है।
प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने कई स्थानों पर कांग्रेस की जीत के समीकरण बिगाड़ दिए थे। इसके चलते कई स्थानों पर कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे नंबर पर और कुछ स्थानों पर कम मार्जिन के कारण हारते नजर आए थे। इसके बाद अब प्रदेश में बुधनी और विजयपुर में उपचुनाव होना है। बहुजन समाज पार्टी ने दोनों ही सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में ना उतारने का फैसला लिया है। आज नामांकन की अंतिम तारीख थी। बसपा की ओर से दोनों ही स्थानों पर प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे गए हैं। इससे कांग्रेस को विजयपुर विधानसभा सीट पर कुछ राहत मिली है। यहां पर बसपा प्रत्याशी के ना होने से उसके वोट बैंक में सेंधमारी नहीं हो सकेगी। ऐसा कांग्रेस नेता मान रहे हैं। वहीं भाजपा इसे अपने पक्ष में मानकर चल रही है। हालांकि यह तो समय बताएगा कि बसपा के इस कदम का क्या असर होता है। वहीं बुधनी में बसपा का खास प्रभाव अब तक किसी भी चुनाव में देखने को नजर नहीं आया है। विजयपुर में जरूर उसका वोट बैंक है और वह परिणाम को प्रभावित करते रहा है।
कांग्रेस की राह में सपा बनी रोढ़ा
बुधनी विधानसभा सीट पर बसपा ने तो प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा, मगर समाजवादी पार्टी ने यहां पर कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए अर्जुन आर्य को मैदान में उतार दिया है। आर्य ने अपना नामांकन भी भर दिया है। आर्य के मैदान में उतरने से यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला होता नजर आ रहा है। कांग्रेस के प्रत्याशी राजकुमार पटेल के लिए आर्य मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। आर्य की छवि बुधनी विधानसभा क्षेत्र में जुझारू किसान नेता की रही है। किसानों के बीच उनके अच्छी पैठ रही है। वे किसानों के मुद्दों को लेकर आंदोलन करते रहे हैं और जेल भी गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि किसानों के लिए जो संघर्ष उन्होंने किया उसका फायदा इस चुनाव में उन्हें मिल सकता है।