युवाओं को ज्यादा टिकट देने पर कांग्रेस का फोकस
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स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में उठी बात, दिग्गजों को भी लड़ाए चुनाव
भोपाल। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने की रणनीति बनाने में जुटी है। इसके चलते आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में अधिकांश सीटों पर युवाओं को मौका देने की बात कही गई। साथ ही एक बार फिर बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने की बात कही गई।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल ने सदस्यों के साथ वन टू वन चर्चा की। बैठक में प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर पार्टी का कब्जा हो, इसे लेकर मंथन किया गया। बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का टिकट का फार्मूला पर भी मंथन किया गया। बताया जाता है कि प्रदेश की करीब 14 से 15 सीटों पर युवाओं को मौका देने की बात भी बैठक में कही गई।
बैठक के बाद कांतिलाल भूरिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई और मंथन किया गया। सभी से चर्चा की जा रही है। सर्वे के साथ-साथ शहर अध्यक्षों से भी चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि सर्वे गलत भी हो सकता है। वहीं बड़े नेताओं को चुनाव लड़ाने के बैठक के अंदर मुद्दा उठने पर कहा कि बड़े नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए जहां जरूरत है वहां पर और जिला अध्यक्षों से रिपोर्ट लेकर पता करना चाहिए कि कहां बड़े नेता को चुनाव लड़ाने से फायदा हो सकता है। वहीं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस 14 से 15 सीटों पर युवाओं को टिकट देगी। बाकी सीटों पर वरिष्ठ नेताओं को पार्टी चुनाव लड़वायेगी। कांग्रेस के दिग्गजों के चुनाव नहीं लड़ने पर कहा कि -ऐसा कुछ नहीं है। पार्टी जिसे कहेगी उसे चुनाव लड़ना होगा। पार्टी का फैसला ही अंतिम होगा।
स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि ईवीएम को लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी नहीं कहा कि ईवीएम की वजह चुनाव नहीं जीत पाएंगे। दूसरे नेताओं ने ये कहा होगा, ये उनका अपना मत है। हमने कभी ईवीएम को लेकर कुछ नहीं कहा, ये जो नेता कह रहे हैं उनका अपना व्यक्तिगत मत है। हम अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीते दिनों ईवीएम पर सवाल उठाया था। उन्होंने ईवीएम के बहाने केंद्र की भाजपा सरकार पर सियासी हमला बोला था। दिग्विजय के बयान के प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने समर्थन किया था तो कई नेताओं ने किनारा कर लिया था।
भोपाल। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने की रणनीति बनाने में जुटी है। इसके चलते आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में अधिकांश सीटों पर युवाओं को मौका देने की बात कही गई। साथ ही एक बार फिर बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने की बात कही गई।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल ने सदस्यों के साथ वन टू वन चर्चा की। बैठक में प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर पार्टी का कब्जा हो, इसे लेकर मंथन किया गया। बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का टिकट का फार्मूला पर भी मंथन किया गया। बताया जाता है कि प्रदेश की करीब 14 से 15 सीटों पर युवाओं को मौका देने की बात भी बैठक में कही गई।
बैठक के बाद कांतिलाल भूरिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई और मंथन किया गया। सभी से चर्चा की जा रही है। सर्वे के साथ-साथ शहर अध्यक्षों से भी चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि सर्वे गलत भी हो सकता है। वहीं बड़े नेताओं को चुनाव लड़ाने के बैठक के अंदर मुद्दा उठने पर कहा कि बड़े नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए जहां जरूरत है वहां पर और जिला अध्यक्षों से रिपोर्ट लेकर पता करना चाहिए कि कहां बड़े नेता को चुनाव लड़ाने से फायदा हो सकता है। वहीं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस 14 से 15 सीटों पर युवाओं को टिकट देगी। बाकी सीटों पर वरिष्ठ नेताओं को पार्टी चुनाव लड़वायेगी। कांग्रेस के दिग्गजों के चुनाव नहीं लड़ने पर कहा कि -ऐसा कुछ नहीं है। पार्टी जिसे कहेगी उसे चुनाव लड़ना होगा। पार्टी का फैसला ही अंतिम होगा।
स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि ईवीएम को लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी नहीं कहा कि ईवीएम की वजह चुनाव नहीं जीत पाएंगे। दूसरे नेताओं ने ये कहा होगा, ये उनका अपना मत है। हमने कभी ईवीएम को लेकर कुछ नहीं कहा, ये जो नेता कह रहे हैं उनका अपना व्यक्तिगत मत है। हम अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीते दिनों ईवीएम पर सवाल उठाया था। उन्होंने ईवीएम के बहाने केंद्र की भाजपा सरकार पर सियासी हमला बोला था। दिग्विजय के बयान के प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने समर्थन किया था तो कई नेताओं ने किनारा कर लिया था।