लोस और विस चुनाव साथ कराने को संविधान में संशोधन जरूरी
नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए मंगलवार को दो शर्तें बताईं। उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन और अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि आयोग की राय से कानून मंत्रालय और संसदीय समिति को पहले ही अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘आयोग भविष्य में एक साथ चुनाव करा सकता है। लेकिन इसके लिए दो शर्तें हैं। एक तो यह कि राजनीतिक आम सहमति के जरिये संविधान में संशोधन हो और हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन आदि जैसे कुछ अतिरिक्त संसाधन दिए जाएं।’ जैदी सातवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित सेमिनार से इतर संबोधित कर रहे थे।
परिवहन क्षमता बढ़ाने को रेल परियोजनओं पर खर्च में तेजी
गौरतलब है कि पिछले साल आयोग ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के सरकार के विचार का समर्थन किया था। साथ ही विधानसभाओं के कार्यकाल को कम करने या बढ़ाने के लिए संविधान में संशोधन करने की बात कही थी। कानून मंत्रालय ने संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट पर आयोग से राय मांगी थी। स्थाई समिति ने एक साथ चुनाव कराने की वकालत की है। पिछले साल मई में कानून मंत्रालय को दिए जवाब में आयोग ने कहा था कि वह प्रस्ताव का समर्थन करता है लेकिन इसके लिए करीब 9,000 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
जैदी ने कहा कि सेमिनार 18 साल की आयु पूरी कर पहली बार बने मतदाताओं और 15-17 साल की आयु वर्ग के भावी मतदाताओं पर केंद्रित है। इन दो समूहों को चुनावी लोकतंत्र का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। 15-17 साल की आयु श्रेणी में 6.2 करोड़ लोग हैं। सेमिनार के दौरान आस्ट्रेलिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, फिजी और नेपाल के चुनाव आयोगों के साथ सहमति पत्र