इंडिया गठबंधन को झटका, सपा प्रत्याशी का नामांकन हुआ निरस्त
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भाजपा प्रत्याशी वीडी शर्मा के सामने अब कोई चुनौती नहीं
भोपाल। मध्यप्रदेश में इंडिया गठबंधन को आज बड़ा झटका लगा है। खजुराहो संसदीय सीट से गठबंधन की उम्मीदवार समाजवादी पार्टी की मीरा यादव को नामांकन निरस्त कर दिया गया है। नामांकन रद्द होने के बाद अब एक तरह से इंडिया गठबंधन ने भाजपा प्रत्याशी वी डी शर्मा को वॉकओवर दे दिया है। सपा के खाते में यह सीट जाने से कांग्रेस ने यहां पर अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा था।
मध्यप्रदेश की खजुराहो संसदीय सीट इंडिया गठबंधन के दल समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने दी थी। इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक मीरा यादव को उम्मीदवार घोषित किया था। मीरा यादव ने बुधवार को कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति में नामांकन पत्र भरा था। आज नामांकन की जांच के दौरान उनके नामांकन में कुछ स्थानों पर हस्ताक्षर ने होने और उम्मीदवार की अंतिम मतदाता सूची प्रामाणिक नहीं पाई गई। इसके चलते उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया। खजुराहो सीट से कुल 23 नामांकन पत्र जमा हुए थे। इसमें भाजपा प्रत्याशी विष्णुदत्त शर्मा ने 4 नामांकन जमा किए थे, जबकि सपा उम्मीदवार ने सिर्फ एक ही नामांकन जमा किया था। उधर नामांकन निरस्त होने के बाद कांग्रेस मौन है, हालांकि वे इसे गलती जरूर मान रहे हैं।
सपा ने आखिरी वक्त में बदला था उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी ने खजुराहो लोकसभा सीट से पहले मनोज यादव को उम्मीदवार बनाया था लेकिन बाद में मनोज यादव के स्थान पर मीरा यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया था। कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत प्रदेश की 29 में से खजुराहो लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दी थी। कांग्रेस इस सीट को छोड़कर 28 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है।
सरेआम लोकतंत्र की हत्या : अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखने वाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों। ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे। भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।
हम हाईकोर्ट जाएंगे, निर्वाचन आयुक्त से भी मिलेंगे
नामांकन निरस्त किए जाने के बाद उम्मीदवार के पति और सपा नेता दीपनारायण यादव ने कहा कि मतदाता परिचय पत्र की पुरानी सर्टिफाइड कॉपी दी है। उसकी वजह यह है कि हमने 2 अप्रैल को आवेदन दिया था। 3 अप्रैल को कॉपी नहीं मिल पाई। हमारे पास जो सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध थी, वह हमने लगा दी। अगर आपको खराब दिख रही थी, पुरानी दिख रही थी तो हमें कहा जाता। हम वह भी उपलब्ध करा देते। हम 3 बजे के पहले सामने थे। कलेक्टर ने मुझसे कहा कि नामांकन निरस्त कर दिया है। हमने कहा कि अभी समय है। तीन बजने में वक्त है। यदि कोई कमी है तो हम उसे ठीक कर देंगे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों को लग रहा था कि कमी है तो वह हमें बता सकते थे। हम उसे ठीक कर देते। हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पास जाएंगे।
सुषमा स्वराज को भी मिल चुका है वॉकओवर
2009 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने विदिशा संसदीय सीट से सुषमा स्वराज को मध्य प्रदेश की प्रत्याशी बनाया था। कांग्रेस ने सुषमा को घेरने के लिए बुधनी से पूर्व विधायक और दिग्विजय सिंह की कैबिनेट में मंत्री रहे कांग्रेस नेता राजकुमार पटेल को उतारा था। राजकुमार पटेल नामांकन के साथ आवश्यक बी-फॉर्म जमा नहीं कर सके। इस आधार पर उनका नामांकन निरस्त हो गया। नामांकन दाखिल करने का समय जा चुका था। इससे कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार इस सीट पर नहीं था और सुषमा को एक तरह से वॉकओवर ही मिल गया था।
भोपाल। मध्यप्रदेश में इंडिया गठबंधन को आज बड़ा झटका लगा है। खजुराहो संसदीय सीट से गठबंधन की उम्मीदवार समाजवादी पार्टी की मीरा यादव को नामांकन निरस्त कर दिया गया है। नामांकन रद्द होने के बाद अब एक तरह से इंडिया गठबंधन ने भाजपा प्रत्याशी वी डी शर्मा को वॉकओवर दे दिया है। सपा के खाते में यह सीट जाने से कांग्रेस ने यहां पर अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा था।
मध्यप्रदेश की खजुराहो संसदीय सीट इंडिया गठबंधन के दल समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने दी थी। इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक मीरा यादव को उम्मीदवार घोषित किया था। मीरा यादव ने बुधवार को कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति में नामांकन पत्र भरा था। आज नामांकन की जांच के दौरान उनके नामांकन में कुछ स्थानों पर हस्ताक्षर ने होने और उम्मीदवार की अंतिम मतदाता सूची प्रामाणिक नहीं पाई गई। इसके चलते उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया। खजुराहो सीट से कुल 23 नामांकन पत्र जमा हुए थे। इसमें भाजपा प्रत्याशी विष्णुदत्त शर्मा ने 4 नामांकन जमा किए थे, जबकि सपा उम्मीदवार ने सिर्फ एक ही नामांकन जमा किया था। उधर नामांकन निरस्त होने के बाद कांग्रेस मौन है, हालांकि वे इसे गलती जरूर मान रहे हैं।
सपा ने आखिरी वक्त में बदला था उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी ने खजुराहो लोकसभा सीट से पहले मनोज यादव को उम्मीदवार बनाया था लेकिन बाद में मनोज यादव के स्थान पर मीरा यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया था। कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत प्रदेश की 29 में से खजुराहो लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दी थी। कांग्रेस इस सीट को छोड़कर 28 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है।
सरेआम लोकतंत्र की हत्या : अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखने वाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों। ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे। भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।
हम हाईकोर्ट जाएंगे, निर्वाचन आयुक्त से भी मिलेंगे
नामांकन निरस्त किए जाने के बाद उम्मीदवार के पति और सपा नेता दीपनारायण यादव ने कहा कि मतदाता परिचय पत्र की पुरानी सर्टिफाइड कॉपी दी है। उसकी वजह यह है कि हमने 2 अप्रैल को आवेदन दिया था। 3 अप्रैल को कॉपी नहीं मिल पाई। हमारे पास जो सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध थी, वह हमने लगा दी। अगर आपको खराब दिख रही थी, पुरानी दिख रही थी तो हमें कहा जाता। हम वह भी उपलब्ध करा देते। हम 3 बजे के पहले सामने थे। कलेक्टर ने मुझसे कहा कि नामांकन निरस्त कर दिया है। हमने कहा कि अभी समय है। तीन बजने में वक्त है। यदि कोई कमी है तो हम उसे ठीक कर देंगे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों को लग रहा था कि कमी है तो वह हमें बता सकते थे। हम उसे ठीक कर देते। हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पास जाएंगे।
सुषमा स्वराज को भी मिल चुका है वॉकओवर
2009 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने विदिशा संसदीय सीट से सुषमा स्वराज को मध्य प्रदेश की प्रत्याशी बनाया था। कांग्रेस ने सुषमा को घेरने के लिए बुधनी से पूर्व विधायक और दिग्विजय सिंह की कैबिनेट में मंत्री रहे कांग्रेस नेता राजकुमार पटेल को उतारा था। राजकुमार पटेल नामांकन के साथ आवश्यक बी-फॉर्म जमा नहीं कर सके। इस आधार पर उनका नामांकन निरस्त हो गया। नामांकन दाखिल करने का समय जा चुका था। इससे कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार इस सीट पर नहीं था और सुषमा को एक तरह से वॉकओवर ही मिल गया था।