इंदौर में मैदान नहीं छोड़ना चाहती कांग्रेस, चलाया नोटा अभियान
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भाजपा भी पीछे नहीं, आठ लाख की जीत का रखा लक्ष्य
भोपाल। इंदौर लोकसभा सीट पर चुनावी हलचल तेज हो गई है। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम की ओर से नामांकन वापस लेने और भाजपा का दामन थामने के बाद अब सियासी समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के मैदान छोड़ने के बाद कांग्रेस ने यहां पर नोटा पर मतदान कराने अभियान चलाया है। वहीं भाजपा मतदान का प्रतिशत बढ़ाने और एक बार फिर बड़ी जीत हासिल करने में जुटी है।
इंदौर में भाजपा नेताओं की ओर से लगातार बैठक कर मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से शहर भर में नोटा का बटन दबाने के लिए जिन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं अब धीरे-धीरे कांग्रेस का यह अभियान रफ्तार पकड़ रहा है। सियासी घटनाक्रम से पहले 8 लाख वोटों की जीत का दावा ठोंक रहे भाजपा नेताओं के सामने अब मतदान प्रतिशत चिंता बना हुआ है। इसी के चलते लगातार भाजपा संगठन अब मतदान प्रतिशत बढ़ने पर जोर दे रहा है।
दूसरी तरफ प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने के बाद सियासी संकट में नजर आई कांग्रेस अब नोटा के सहारे चुनाव मैदान में नजर आ रही है, जहां कांग्रेस नेताओं को अबकी बार नोटा के पक्ष में लाखों वोट मिलने की उम्मीद है। इसी के चलते लगातार कांग्रेस की ओर से जन जागरूकता अभियान चलाए जाने के साथ-साथ लोगों को छव्ज्। का बटन दबाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। शहर और जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने नोटा के समर्थन में जन जागरूकता अभियान चलाए जाने का खास प्लान तैयार किया है। उधर, भाजपा में भी बैठकों का दौर जारी है। इन बैठकों में तमाम दिग्गज नेताओं ने बैठकर मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर मंथन किया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इंदौर में अब सियासत अलग ही नजर आ रही है। कांग्रेस किसी भी तरह से यहां मैदान में डटे रहना चाहती है और भाजपा के पक्ष में कम मतदान कराने के लिए लोगों के बीच नोटा बटन दबाने का अभियान चला रही है। वहीं भाजपा मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर मंथन कर रही है।
भोपाल। इंदौर लोकसभा सीट पर चुनावी हलचल तेज हो गई है। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम की ओर से नामांकन वापस लेने और भाजपा का दामन थामने के बाद अब सियासी समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के मैदान छोड़ने के बाद कांग्रेस ने यहां पर नोटा पर मतदान कराने अभियान चलाया है। वहीं भाजपा मतदान का प्रतिशत बढ़ाने और एक बार फिर बड़ी जीत हासिल करने में जुटी है।
इंदौर में भाजपा नेताओं की ओर से लगातार बैठक कर मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से शहर भर में नोटा का बटन दबाने के लिए जिन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं अब धीरे-धीरे कांग्रेस का यह अभियान रफ्तार पकड़ रहा है। सियासी घटनाक्रम से पहले 8 लाख वोटों की जीत का दावा ठोंक रहे भाजपा नेताओं के सामने अब मतदान प्रतिशत चिंता बना हुआ है। इसी के चलते लगातार भाजपा संगठन अब मतदान प्रतिशत बढ़ने पर जोर दे रहा है।
दूसरी तरफ प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने के बाद सियासी संकट में नजर आई कांग्रेस अब नोटा के सहारे चुनाव मैदान में नजर आ रही है, जहां कांग्रेस नेताओं को अबकी बार नोटा के पक्ष में लाखों वोट मिलने की उम्मीद है। इसी के चलते लगातार कांग्रेस की ओर से जन जागरूकता अभियान चलाए जाने के साथ-साथ लोगों को छव्ज्। का बटन दबाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। शहर और जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने नोटा के समर्थन में जन जागरूकता अभियान चलाए जाने का खास प्लान तैयार किया है। उधर, भाजपा में भी बैठकों का दौर जारी है। इन बैठकों में तमाम दिग्गज नेताओं ने बैठकर मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर मंथन किया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इंदौर में अब सियासत अलग ही नजर आ रही है। कांग्रेस किसी भी तरह से यहां मैदान में डटे रहना चाहती है और भाजपा के पक्ष में कम मतदान कराने के लिए लोगों के बीच नोटा बटन दबाने का अभियान चला रही है। वहीं भाजपा मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर मंथन कर रही है।