दलों को बताना होगा आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को टिकट क्यों दिया ?
घर से मतदान कर सकेंगे सीनियर सिटीजन मतदान
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को अब कम समय रह गया है। चुनाव आयोग की टीम ने मध्यप्रदेश का दौरा कर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल से भी चर्चा कर चुनाव में सहयोग की अपील की। चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार राजनीतिक दलों को यह बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृश्ठ भूमि वाले नेताओं को टिकट क्यों दिया? साथ ही आयोग ने यह व्यवस्था की है कि सीनियर सिटीजन को घर से मतदान करने की व्यवस्था मुहैया कराई जाए।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने चुनाव की समीक्षा की है। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव निष्पक्ष कराए जाएंगे। उन्होंने ने कहा कि आगामी चुनाव में मतदाता बढ़-चढ़कर कर हिस्सा लें। वहीं वोट डालने वाले बुजुर्ग को लेकर भी कहा कि सीनियर सिटीजन की वोटिंग के लिए खास व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि आयोग की टीम ने पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर से लेकर डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी के साथ बैठक की गई है। एक परिवार का मतदान केंद्र स्थान पर होगा। इसके साथ ही उन्होंने आगे बताया कि सेंसेटिव केंद्र पर पैरा मिलिट्री फोर्स लगाई जाएगी। जो पहले आएगा उसका वोट पहले होगा। वहीं धनबल बाहुबली पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
18.86 लाख मतदाता पहली बार डालेंगे वोट
प्रदेश में 5.52 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर नई सरकार चुनेंगे। इनमें 6,180 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ऊपर है। प्रदेश में 7.12 लाख मतदाताओं की उम्र 80 साल या इससे अधिक है। वरिष्ठ नागरिकों की वोटिंग के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। 18-19 साल के वोटरों की संख्या 18.86 लाख है। यह लोग पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 230 विधानसभाओं में एक-एक एईआरओ नियुक्त किए जाएंगे। इस बार कुल 64,523 मतदाता केंद्र होंगे। 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों से वेब कास्टिंग होगी। 15 हजार आदर्श मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। 6,920 मतदान केंद्रों पर महिलाओं की वोटिंग पुरुषों के मुकाबले 10 प्रतिशत या इससे भी कम रही थी। इसे बढ़ाने के लिए खास प्रयास किए जाएंगे। हर बूथ पर औसत 843 वोटर होंगे।
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के अखबार में देनी होगी जानकारी
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर ऐसी व्यवस्था होगी कि अप्रिय घटना की सूचना मिलने पर जल्द ही रेस्पॉन्स टीम पहुंच जाएगी। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को तीन अखबारों में अपनी जानकारी देनी होगी। इसमें उन्हें बताना होगा कि उनके खिलाफ क्या-क्या अपराध दर्ज हैं। राजनीतिक दलों को भी बताना होगा कि उन्होंने ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी क्यों बनाया? इसके अलावा पांच बजे के बाद एटीएम के लिए भी नोटों का परिवहन नहीं हो सकेगा।
चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी केन्द्र पर डालेंगे वोट
उन्होंने कहा कि हमने नियमो बदलाव किया है। इतने भी कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगेंगे वह घर जाकर वोट नहीं कर पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि अब उन्हें केंद्र पर ही वोट करना पड़ेगा। कई राज्यों में यह शिकायत आई थी कि यह एक बार गेनिंग पावर बन जाती है और बाद में उसे छोटे-छोटे अंतर से हार जीत होती है। इसलिए इसकी दूरबीन की संभावना रहती है।
कार्यकाल समाप्त होने के पहले करा लिए जाएंगे चुनाव
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में वर्तमान राज्य सरकारों का कार्यकाल समाप्त होने के ठीक पहले चुनाव करा लिए जायेंगे। उनके इस बयान के बाद उन अटकलों पर विराम लग गया है जिसमें कहा जा रहा था कि चुनाव एक दो महीने आगे बढ़ाये जा सकते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रदेश के सभी मतदाताओं से चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की अपील की।