दिल्ली में तय होगा राज्यसभा उम्मीदवार का नाम
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प्रदेश से बाहर के नेता को भी मिल सकता है मौका
भोपाल। प्रदेश की राज्यसभा की रिक्त हुई एक सीट के लिए भाजपा को नाम तय करना है। रिक्त एक सीट के लिए दावेदारों की बढ़ती दावेदारी के चलते मामला अब दिल्ली में तय होगा। प्रदेश संगठन प्रदेश से दावेदारों के नाम का पैनल भेजकर फैसला दिल्ली पर छोड़ देगा।
लोकसभा चुनाव में गुना संसदीय क्षेत्र से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के विजयी होने के चलते प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट रिक्त हुई है। इस सीट पर प्रदेश के कद्दावर नेता दावेदारी कर रहे हैं। दावेदारी करने वाले नेताओं में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का नाम सबसे आगे हैं। इनके अलावा पूर्व सांसद केपी सिंह का नाम भी दावेदारों में है। सिंह को केन्द्रीय मंत्री अमित शाह पर भरोसा है। सिंह समर्थकों का तर्क है कि लोकसभा चुनाव के दौरान खुद अमित ष्शाह ने गुना संसदीय क्षेत्र में सभा के दौरान कहा था कि गुना के लोगों को सिंधिया और यादव दोनों मिलेंगे। अमित ष्शाह के इस कथन को सिंह समर्थक मान रहे हैं कि उनकी दावेदारी मजबूत है। मगर अन्य नेताओं की दावेदारी ने भाजपा नेताओं की दावेदारी के समीकरण को बिगाड़ दिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश के अलावा दूसरे राज्य के नेताओं की सक्रियता भी बढ़ी है। इनमें अमेठी से चुनाव हारी स्मृति ईरानी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो अमेठी सीट से लोकसभा का चुनाव हारने के बाद भाजपा आलाकमान उन्हें फिर से मुख्यधारा में लाना चाहता है। उन्हें राज्यसभा भेजकर पार्टी फिर से एक्टिव करना चाहती है। ऐसे में उनके नाम की सुगबुगाहट सबसे ज्यादा है।
पचौरी भी कर रहे दावेदारी
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भी दावेदारों में शामिल हो गए हैं। पचौरी ने दिल्ली में कुछ दिन पहले अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद यह माना जा रहा है ि कवे भी दावेदारों में शामिल हैं। पचौरी के दावेदारी करने से भाजपा नेताओं के समीकरण गड़बड़ाते नजर आ रहे हैं। संगठन के पदाधिकारी पचौरी के नाम पर सहमत नजर नहीं आ रहे हैं। इसके चलते माना जा रहा है कि संगठन विवाद बढ़े उसके पहले दिल्ली हाईकमान को संकेत दे सकता है कि प्रदेश से बाहर के किसी नेता को राज्यसभा प्रत्याशी बना दिया जाए।
भोपाल। प्रदेश की राज्यसभा की रिक्त हुई एक सीट के लिए भाजपा को नाम तय करना है। रिक्त एक सीट के लिए दावेदारों की बढ़ती दावेदारी के चलते मामला अब दिल्ली में तय होगा। प्रदेश संगठन प्रदेश से दावेदारों के नाम का पैनल भेजकर फैसला दिल्ली पर छोड़ देगा।
लोकसभा चुनाव में गुना संसदीय क्षेत्र से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के विजयी होने के चलते प्रदेश से राज्यसभा की एक सीट रिक्त हुई है। इस सीट पर प्रदेश के कद्दावर नेता दावेदारी कर रहे हैं। दावेदारी करने वाले नेताओं में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का नाम सबसे आगे हैं। इनके अलावा पूर्व सांसद केपी सिंह का नाम भी दावेदारों में है। सिंह को केन्द्रीय मंत्री अमित शाह पर भरोसा है। सिंह समर्थकों का तर्क है कि लोकसभा चुनाव के दौरान खुद अमित ष्शाह ने गुना संसदीय क्षेत्र में सभा के दौरान कहा था कि गुना के लोगों को सिंधिया और यादव दोनों मिलेंगे। अमित ष्शाह के इस कथन को सिंह समर्थक मान रहे हैं कि उनकी दावेदारी मजबूत है। मगर अन्य नेताओं की दावेदारी ने भाजपा नेताओं की दावेदारी के समीकरण को बिगाड़ दिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश के अलावा दूसरे राज्य के नेताओं की सक्रियता भी बढ़ी है। इनमें अमेठी से चुनाव हारी स्मृति ईरानी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो अमेठी सीट से लोकसभा का चुनाव हारने के बाद भाजपा आलाकमान उन्हें फिर से मुख्यधारा में लाना चाहता है। उन्हें राज्यसभा भेजकर पार्टी फिर से एक्टिव करना चाहती है। ऐसे में उनके नाम की सुगबुगाहट सबसे ज्यादा है।
पचौरी भी कर रहे दावेदारी
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भी दावेदारों में शामिल हो गए हैं। पचौरी ने दिल्ली में कुछ दिन पहले अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद यह माना जा रहा है ि कवे भी दावेदारों में शामिल हैं। पचौरी के दावेदारी करने से भाजपा नेताओं के समीकरण गड़बड़ाते नजर आ रहे हैं। संगठन के पदाधिकारी पचौरी के नाम पर सहमत नजर नहीं आ रहे हैं। इसके चलते माना जा रहा है कि संगठन विवाद बढ़े उसके पहले दिल्ली हाईकमान को संकेत दे सकता है कि प्रदेश से बाहर के किसी नेता को राज्यसभा प्रत्याशी बना दिया जाए।