खोया जनाधार पाने बसपा प्रदेश में करेगी सामाजिक सम्मेलन
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भोपाल। प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी प्रदेश में फिर अपना वोट बैंक मजबूत करने की तैयारी कर रही है। खोए जनाधार को पाने के लिए बसपा द्वारा अब प्रदेश में अलग-अलग जातियों को जोड़ने के लिए सामाजिक सम्मेलन कराने का फैसला लिया है। सर्वसमाज के नारे पर बसपा फिर से प्रदेश में अपने को मजबूत करने की तैयारी कर रही है।
ब्हुजन समाज पार्टी को प्रदेश में 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। दोनों ही चुनाव में उसने प्रत्याशी तो मैदान में उतारे मगर एक भी स्थान पर उसे जीत नहीं मिली। इसके बाद से बसपा का संगठन और भी कमजोर हुआ। अब बसपा प्रदेश में एक बार फिर संगठन को मजबूत करने की तैयारी कर रही है। बसपा ने तय किया है कि पार्टी में जिस समाज के जो पदाधिकारी हैं एवं पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और हारे हुए प्रत्याशी अपनी-अपनी समाज के सामाजिक सम्मेलन कराएंगे। हालांकि ये सम्मेलन समाजों में जन्मे महापुरुषों संतों के नाम पर कराए जाएंगे। रानी दुर्गावती, टंट्या मामा, देवी अहिल्या बाई होल्कर, संत गाडगे जी महाराज, नामदेव महाराज, संत रविदास, ज्योतिबा फुले जैसे महापुरुषों के नाम पर यह आयोजन होंगे।
जनाधार वाली विधानसभा सीटों पर फोकस
बसपा अब उन सीटों पर फोकस कर रही है जहां उसका वोट बैंक निर्णायक रहा है। सुपर-30 के फॉर्मूला पर बसपा जनवरी से मजबूत जनाधार वाली 30 विधानसभाओं में संगठन को मजबूत करेगी। इन 30 विधानसभाओं में बूथ वार कमेटियों के गठन के साथ ही कमजोर बूथों पर वोट बैंक बढ़ाने के लिए प्रदेश, सेक्टर, जोन के इंचार्ज बैठकें करेंगे। करीब 3 महीने बाद अगले फेज में सुपर-30 के तहत 30 अन्य विधानसभाओं में काम शुरू किया जाएगा।
ब्हुजन समाज पार्टी को प्रदेश में 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। दोनों ही चुनाव में उसने प्रत्याशी तो मैदान में उतारे मगर एक भी स्थान पर उसे जीत नहीं मिली। इसके बाद से बसपा का संगठन और भी कमजोर हुआ। अब बसपा प्रदेश में एक बार फिर संगठन को मजबूत करने की तैयारी कर रही है। बसपा ने तय किया है कि पार्टी में जिस समाज के जो पदाधिकारी हैं एवं पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और हारे हुए प्रत्याशी अपनी-अपनी समाज के सामाजिक सम्मेलन कराएंगे। हालांकि ये सम्मेलन समाजों में जन्मे महापुरुषों संतों के नाम पर कराए जाएंगे। रानी दुर्गावती, टंट्या मामा, देवी अहिल्या बाई होल्कर, संत गाडगे जी महाराज, नामदेव महाराज, संत रविदास, ज्योतिबा फुले जैसे महापुरुषों के नाम पर यह आयोजन होंगे।
जनाधार वाली विधानसभा सीटों पर फोकस
बसपा अब उन सीटों पर फोकस कर रही है जहां उसका वोट बैंक निर्णायक रहा है। सुपर-30 के फॉर्मूला पर बसपा जनवरी से मजबूत जनाधार वाली 30 विधानसभाओं में संगठन को मजबूत करेगी। इन 30 विधानसभाओं में बूथ वार कमेटियों के गठन के साथ ही कमजोर बूथों पर वोट बैंक बढ़ाने के लिए प्रदेश, सेक्टर, जोन के इंचार्ज बैठकें करेंगे। करीब 3 महीने बाद अगले फेज में सुपर-30 के तहत 30 अन्य विधानसभाओं में काम शुरू किया जाएगा।