कर्ज में डूबी इस कंपनी को खरीदने की रेस में आमने-सामने होंगे मुकेश अंबानी और अडानी
टोरेंट-वेदांता और जिंदल भी रेस में
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, भद्रेश्वर विद्युत (Bhadreshwar Vidyut) तीसरी पावर कंपनी है, जिसे खरीदने की रेस में अडानी ग्रुप और रिलायंस ग्रुप आमने-सामने आए हैं. इससे पहले- दोनों बड़े ग्रुप्स SKS Power और Lanco Amarkantak Power Ltd की खरीदारी के लिए मैदान में उतरे थे. भद्रेश्वर को खरीदने के लिए जिन दूसरी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है, उनमें रिलायंस और अडानी ग्रुप के अलावा टोरेंट ग्रुप, वेदांता और जिंदल पावर भी शामिल हैं.
पहले इस नाम से जानी जाती थी भद्रेश्वर विद्युत
जिस Bhadreshwar Vidyut पालर कंपनी को खरीदने के लिए 14 बड़े प्लेयर मैदान में उतरे हैं, उसे पहले OPGS पावर गुजरात के नाम से जानी जाती थी. दिवालिया हो चुकी कंपनी के पास गुजरात के कच्छ में 150 मेगावाट का कोल बेस्ड पावर प्लांट है. इसकी दोनों यूनिट्स क्रमश: 2015 और 2016 ने तैयार हुई थीं. एक रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्स पर 2,026 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. भारी भरकम कर्ज के चलते इस कंपनी की हालत लगातार खराब होती गई और अब ये बिकने के लिए तैयार है.
इन कंपनियों नेभी जमा की बिड्स
भद्रेश्वर विद्युत के लिए दिलचस्पी दिखाने वाली दूसरी कंपनियों में शेरिशा टेक्नोलॉजीज समेत जो अन्य कंपनियां शामिल है. उनमें से कई ने शुरुआती बिड्स जमा कर दी है. रिपोर्ट में सोर्सेज के हवाले से कहा गया है कि जेपी इस्कॉन, कांडला एग्रो एंड केमिकल्स और कच्छ केमिकल्स इंडस्ट्रीज ने शुरुआती बिड्स सब्मिट की हैं.