रीवा का सुंदरजा आम है बेहद खास, जारी हो चुका है नाम से डाक टिकट
देश भर में कई प्रजाति के आम पाए जाते हैं। रीवा की पहचान कहे जाने वाले सुंदरजा आम का स्वाद न केवल देश बल्कि विदेश में भी खूब लोकप्रिय है। इसकी खासियत है कि यह दूसरे आम से कहीं अधिक स्वादिष्ट होता है। वर्ष 1968 में इसके नाम से डॉक टिकट भी जारी किया जा चुका है। सुंदरजा आम को डायबिटीज के मरीज भी खा सकते हैं। यह आम अपनी खुशबू से पहचाना जाता है।
मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले आम की 213 प्रजाति में से सबसे प्रमुख सुंदरजा आम है। राज्य शासन के एक जिला-एक उत्पाद कार्यक्रम में रीवा जिले का उत्पाद सुंदरजा आम है। यह मुख्यत: रीवा की देन है जो अब पूरे देश की नर्सरी में पाया जाता है। दिल्ली, मुंबई, चैन्नई, कलकत्ता, पाकिस्तान, इग्लैण्ड और अमरीका सहित अरब देशों में सुंदरजा आम अपनी खासियत के चलते आम प्रेमियों को काफी लुभाता है। इसकी खासियत यह है कि सुंदरजा आम में विशेष खुशबू होती है। जैसा इसका नाम है यह देखने में भी उसी तरह सुंदर दिखाई देता है। यह आम अपनी खास मिठास के लिए भी जाना जाता है। इसके चलते सभी इसे पंसद करते हैं। सुंदरजा आम खासियतों को लेकर समूचे देश सहित विश्व में भी विख्यात है। इसके छोटे वृक्ष में भी 100 से 125 किलो तक पैदावार होती है और एक आम का वजन औसतन 200 से 250 ग्राम तक होता है।
सुंदरजा आम रीवा राजघराने की देन है। प्राचीन काल में सुंदरजा आम यहाँ के महाराजाओं की खास पसंद में शामिल रहा है। रीवा में कुठिलिया अनुसंधान केन्द्र और गोविंदगढ़ की नर्सरी में सुंदरजा आम के पौधे विकसित किये जाते हैं।