ईपीएफओ मामले में गड़बड़ी, जांच की मांग, कराएं प्रकरण दर्ज
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पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव को पत्र लिखकर भोपाल नगर निगम में कर्मचारियों के ईपीएफओ में हुई गड़बड़ी मामले की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इस मामले में उत्तरदायी नगरीय आवास एवं विकास विभाग अथवा नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि आपको ज्ञात होगा कि नगर निगम भोपाल में लगभग 8 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं लगभग 3200 नियमित कर्मचारी काम करते है । इन कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह ईपीएफ की राशि काटकर कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जमा की जानी होती है, जो कर्मचारियों की ही राशि होती है तथा उस पर उन्हें नियमानुसार ब्याज मिलता है। इसी राशि से कर्मचारियों को पेंशन मिलती है, लेकिन नगर निगम भोपाल द्वारा नवंबर 2016 से फरवरी 2023 तक कर्मचारियों की उक्त पेंशन निधि की राशि ईपीएफओ कार्यालय में जमा नही की गई। सिंह ने पत्र में लिखा है कि ईपीएफओ द्वारा अप्रेल 2022 से अक्टूबर 2023 तक अलग-अलग तिथियों में कुल 29 नोटिस नगर पालिक निगम भोपाल को भेजे गए, जिसमें निगम को अपना पक्ष रखने को कहा गया। लेकिन नगर निगम भोपाल ने न तो कोई जवाब दिया और न ही सुनवाई पर उपस्थित हुए। ईपीएफओ ने अक्टूबर 2023 में भोपाल नगर निगम पर के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही करते हुए उसे पृथक-पृथक आदेश द्वारा अर्थदण्ड और ब्याज सहित कुल राशि 21 करोड़ 11 लाख 60 हजार 748 का भुगतान करने का आदेश दिया। निगम ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया और उक्त ब्याज सहित अर्थदण्ड की 21 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान ईपीएफओ को कर दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि मामले को गंभीरता से लेकर इनकी उच्च स्तरीय जॉच कराने एवं इसके लिये उत्तरदायी नगरीय आवास एवं विकास विभाग अथवा नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर समुचित कार्यवाही हेतु निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव को पत्र लिखकर भोपाल नगर निगम में कर्मचारियों के ईपीएफओ में हुई गड़बड़ी मामले की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इस मामले में उत्तरदायी नगरीय आवास एवं विकास विभाग अथवा नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि आपको ज्ञात होगा कि नगर निगम भोपाल में लगभग 8 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं लगभग 3200 नियमित कर्मचारी काम करते है । इन कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह ईपीएफ की राशि काटकर कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जमा की जानी होती है, जो कर्मचारियों की ही राशि होती है तथा उस पर उन्हें नियमानुसार ब्याज मिलता है। इसी राशि से कर्मचारियों को पेंशन मिलती है, लेकिन नगर निगम भोपाल द्वारा नवंबर 2016 से फरवरी 2023 तक कर्मचारियों की उक्त पेंशन निधि की राशि ईपीएफओ कार्यालय में जमा नही की गई। सिंह ने पत्र में लिखा है कि ईपीएफओ द्वारा अप्रेल 2022 से अक्टूबर 2023 तक अलग-अलग तिथियों में कुल 29 नोटिस नगर पालिक निगम भोपाल को भेजे गए, जिसमें निगम को अपना पक्ष रखने को कहा गया। लेकिन नगर निगम भोपाल ने न तो कोई जवाब दिया और न ही सुनवाई पर उपस्थित हुए। ईपीएफओ ने अक्टूबर 2023 में भोपाल नगर निगम पर के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही करते हुए उसे पृथक-पृथक आदेश द्वारा अर्थदण्ड और ब्याज सहित कुल राशि 21 करोड़ 11 लाख 60 हजार 748 का भुगतान करने का आदेश दिया। निगम ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया और उक्त ब्याज सहित अर्थदण्ड की 21 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान ईपीएफओ को कर दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि मामले को गंभीरता से लेकर इनकी उच्च स्तरीय जॉच कराने एवं इसके लिये उत्तरदायी नगरीय आवास एवं विकास विभाग अथवा नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर समुचित कार्यवाही हेतु निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।