फर्जी पेपर सोशल मीडिया पर वायरल, दर्ज कराई एफआईआर
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भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ली जा रही पांचवीं, आठवीं कक्षाओं की बोर्ड पैटर्न परीक्षाओं के फर्जी एवं भ्रामक प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले कतिपय असामाजिक व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। राज्य शिक्षा केन्द्र के मूल्यांकन नियंत्रक एच.जी. खरे ने पुलिस आयुक्त, सायबर क्राईम कार्यालय भोपाल में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म यू-ट्यूब और टेलीग्राम पर कतिपय असामाजिक व्यक्तियों द्वारा निजी लाभवश परीक्षा के प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने का प्रलोभन देकर विद्यार्थियों और अभिभावकों को भ्रामक एवं फर्जी प्रश्न पत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं। संचालक, राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने कहा है कि ऐसे कृत्यों से परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल उठते हैं, वहीं विद्यार्थी भी गुमराह एवं हतोत्साहित हो रहे हैं। इससे उनकी मनोदशा पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ने की भी आशंका है। राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से ऐसे व्यक्तियों के विरूध्द कठोर वैधानिक कार्यवाही के लिए साइबर पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
संचालक धनराजू एस ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी प्रलोभन में न आयें और पूरे मनोयोग से अपनी परीक्षा दें। उन्होंने कहा कि, साइबर अपराधी विद्यार्थियों की व्यक्तिगत जानकारियों का दुरुपयोग कर उन्हें किसी भी आपराधिक प्रकरण में संलिप्त सकते हैं। इनके प्रलोभन में फंसकर विद्यार्थी का आर्थिक नुकसान तो होगा ही, साथ ही आपराधिक संलिप्तता का प्रकरण भी दर्ज हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म यू-ट्यूब और टेलीग्राम पर कतिपय असामाजिक व्यक्तियों द्वारा निजी लाभवश परीक्षा के प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने का प्रलोभन देकर विद्यार्थियों और अभिभावकों को भ्रामक एवं फर्जी प्रश्न पत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं। संचालक, राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने कहा है कि ऐसे कृत्यों से परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल उठते हैं, वहीं विद्यार्थी भी गुमराह एवं हतोत्साहित हो रहे हैं। इससे उनकी मनोदशा पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ने की भी आशंका है। राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से ऐसे व्यक्तियों के विरूध्द कठोर वैधानिक कार्यवाही के लिए साइबर पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
संचालक धनराजू एस ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी प्रलोभन में न आयें और पूरे मनोयोग से अपनी परीक्षा दें। उन्होंने कहा कि, साइबर अपराधी विद्यार्थियों की व्यक्तिगत जानकारियों का दुरुपयोग कर उन्हें किसी भी आपराधिक प्रकरण में संलिप्त सकते हैं। इनके प्रलोभन में फंसकर विद्यार्थी का आर्थिक नुकसान तो होगा ही, साथ ही आपराधिक संलिप्तता का प्रकरण भी दर्ज हो सकता है।