अयोध्या धाम में सरकार बनाएगी धर्मशाला : डा मोहन यादव
देव स्थानों के विकास के लिए मंत्रिमंडल की उप समिति होगी गठित
भोपाल। प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि देव-स्थानों के विकास के लिए धर्मस्व, राजस्व और संस्कृति विभाग की मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की जाएगी। अयोध्या धाम में अगर उत्तर प्रदेश सरकार जमीन देगी तो राज्य सरकार धर्मशाला विकसित करेगी। देवी-देवताओं के वस्त्र-आभूषण व मूर्ति निर्माण को कुटीर उद्योग के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा।
यह बात मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने आज कैबिनेट बैठक के पहले मंत्रिमंडल सदस्यों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अयोध्या यात्रा के बाद देव-स्थानों के संबंध में लिए गए निर्णय और संकल्पों के क्रियान्वयन में राज्य शासन तेजी से आगे बढ़ेगा। मंत्रि-परिषद की अगली बैठक में मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाकर धर्मस्व, राजस्व और संस्कृति विभाग को जोड़ा जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित देव-स्थानों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय क्षेत्र के देव-स्थानों के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग भी इसमें शामिल रहेंगे। सभी विभाग परस्पर तालमेल और समन्वय से देव-स्थानों के विकास के लिए कार्य योजना बनाकर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। राज्य शासन का उद्देश्य है कि मंदिर देव-स्थान के साथ-साथ सामाजिक चेतना और समरसता का भी केंद्र बनें और मंदिरों में सामूहिक विवाह जैसे सामाजिक कार्य संपन्न हों।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अयोध्या धाम में राज्य सरकार धर्मशाला विकसित करेगी। प्रदेश के अंदर और बाहर स्थित प्रमुख देवस्थानों में भी राज्य सरकार द्वारा धर्मशालाएं विकसित करने की दिशा में पहल की जाएगी। अन्य राज्य सरकारों को मध्यप्रदेश स्थित देवालयों में अपने राज्य की तरफ से धर्मशालाएं विकसित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
देवालयों में लगने वाली सामग्री बनाने कुटीर उद्योग को करेंगे प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देवालयों में लगने वाली सामग्री जैसे भगवान श्री कृष्ण के वस्त्र-आभूषण, श्रृंगार सामग्री, धातु व पत्थर की मूर्तियों के निर्माण को कुटीर उद्योग के अंतर्गत प्रोत्साहित किया जाएगा। स्व-सहायता समूह तथा क्षेत्र के युवाओं को इसके लिए मथुरा एवं जयपुर आदि के कलाकारों से प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा और मंदिरों में इन सामग्रियों के विक्रय के लिए स्टॉल की व्यवस्था भी की जाएगी।