स्कूलों में पानी, स्वच्छता को सुनिश्चित किया जाए
0
राज्य शिक्षा केन्द्र ने कलेक्टरों को लिखा पत्र
भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर स्कूलों में पानी और स्वच्छता सम्पत्तियों के रख-रखाव की सहायता सुनिश्चित की जायें। इसके लिये 15वें वित्त आयोग में पानी और स्वच्छता के लिये अनुदान देने और जहां भी आवश्यक हो स्वच्छ भारत कोष जैसे उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जाए।
राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेश के सभी स्कूलों में क्रियाशील पेयजल एवं स्वच्छता सुविधा के संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों के उत्तम स्वास्थ्य एवं शौचालय में रनिंग वाटर सुविधा सहित साबुन से हाथ धोने की सुविधा क्रियाशील स्थिति में होना अति आवश्यक है। इस व्यवस्था को कलेक्टर एवं सह जिला मिशन संचालक को सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। पत्र में लिखा गया है कि स्कूलों में शौचालय बालक एवं बालिकाओं के लिये अलग-अलग उपलब्ध हो। यह कार्य जेजेएम, अमृत, समग्र शिक्षा योजना एवं जल जीवन मिशन के अंतर्गत उपलब्ध संसाधनों से किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में नल से प्राप्त जल (टेप वाटर) उपलब्ध कराने की योजना क्रियान्वित की जाये। इसके साथ ही स्कूलों में पानी की गुणवत्ता का परीक्षण समय-समय पर किया जायें। जहां भी आवश्यकता हो कीटाणुशोधन प्रणाली सुनिश्चित की जाए।
भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर स्कूलों में पानी और स्वच्छता सम्पत्तियों के रख-रखाव की सहायता सुनिश्चित की जायें। इसके लिये 15वें वित्त आयोग में पानी और स्वच्छता के लिये अनुदान देने और जहां भी आवश्यक हो स्वच्छ भारत कोष जैसे उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जाए।
राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेश के सभी स्कूलों में क्रियाशील पेयजल एवं स्वच्छता सुविधा के संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों के उत्तम स्वास्थ्य एवं शौचालय में रनिंग वाटर सुविधा सहित साबुन से हाथ धोने की सुविधा क्रियाशील स्थिति में होना अति आवश्यक है। इस व्यवस्था को कलेक्टर एवं सह जिला मिशन संचालक को सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। पत्र में लिखा गया है कि स्कूलों में शौचालय बालक एवं बालिकाओं के लिये अलग-अलग उपलब्ध हो। यह कार्य जेजेएम, अमृत, समग्र शिक्षा योजना एवं जल जीवन मिशन के अंतर्गत उपलब्ध संसाधनों से किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में नल से प्राप्त जल (टेप वाटर) उपलब्ध कराने की योजना क्रियान्वित की जाये। इसके साथ ही स्कूलों में पानी की गुणवत्ता का परीक्षण समय-समय पर किया जायें। जहां भी आवश्यकता हो कीटाणुशोधन प्रणाली सुनिश्चित की जाए।