दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग पर लगाया भ्रामक जानकारी देने का आरोप
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईवीएम संबंधी पत्र को लेकर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए जवाब को निराशाजनक और भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा कि आयोग के जवाबों में जनता को गुमराह कर रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिग्विजय सिंह ने कहा कि 29 जनवरी को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश को पत्र लिखकर ईवीएम मशीनों की एफएलसी कराते समय सिंबल लोडिंग यूनिट के सॉफ्टवेयर की जानकारी कांग्रेस पार्टी सहित राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। साथ ही इंटरनेट का उपयोग करते हुए कम्प्यूटर, लैपटॉप के माध्यम से भेजी जाने वाली जानकारी भी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। सिंह का आरोप है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश द्वारा अगले ही दिन 30 जनवरी को इसका भ्रामक उत्तर दे दिया गया जो चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। कांग्रेस पार्टी ने यह जानना चाहा था कि ईवीएम मशीनों की एफएलसी कराते समय इंटरनेट कनेक्शन युक्त पीसी, लैपटॉप से भेजी जाने वाली जानकारी क्या है और किसे भेजी जाती है। सिंह ने मांग करते हुए कहा कि ईवीएम के प्रति आम जनता और राजनीतिक दलों में चारों ओर जो संदेह फैल चुका है वह चुनाव आयोग को तत्काल दूर करना चाहिए और राजनीतिक दलों के ऐसे सवालों के सीधे जवाब दिए जाने चाहिए जो चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर छाए हुए कोहरे को साफ करते हों।
नहीं मिले कांग्रेस के सवालों के जवाब
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के जवाब में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दोनों प्रश्न अनुत्तरित हैं और इनके जवाब में एफएलसी की प्रक्रिया की जानकारी दे दी गई है। उन्होंने कहा है कि मेन्युअल ऑन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का हवाला देते हुए जिस प्रक्रिया की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा दी गई है उसे सभी राजनीतिक दल पहले से ही जानते हैं और उसी की पारदर्शिता और प्रक्रिया पर संदेह पैदा होने के कारण सिंबल लोडिंग यूनिट के साफ्टवेयर की जानकारी चाही गई थी।