जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया और हिंसा हो रही थी, तब भी मैं सड़कों पर थी: ममता बैनर्जी
कोलकाता। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही थी, तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में धार्मिक सद्भाव की एक प्रतीकात्मक यात्रा निकाल रही थीं. इस दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया और हिंसा हो रही थी, तब भी मैं सड़कों पर थी.
ममता बनर्जी ने कहा कि केवल मंदिर जाना ही पर्याप्त नहीं है. उन्होंने भाजपा के खिलाफ अपने सक्रिय व मुखर रुख को रेखांकित करते हुए कहा कि आज कितने नेताओं ने भाजपा से सीधे तौर पर मुकाबला किया? कोई व्यक्ति एक मंदिर में गया और सोचा कि यह पर्याप्त है, लेकिन ऐसा नहीं है. मैं एकमात्र व्यक्ति हूं, जो मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च और मस्जिद गई. मैं लंबे समय से लड़ रही हूं. जब बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया और हिंसा हो रही थी, तब भी मैं सड़कों पर थी.
ममता बनर्जी की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब वह धार्मिक सद्भाव की एक प्रतीकात्मक यात्रा निकाल रही थीं और उन्होंने एक सर्व-धर्म रैली का नेतृत्व किया. इस दौरान उन्होंने मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे जैसे विभिन्न उपासना स्थलों का दौरा किया. यह रैली अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन आयोजित की गई. बता दें कि माकपा नीत वाम मोर्चा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सामूहिक रूप से 28 दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है. हालांकि, पश्चिम बंगाल में माकपा और कांग्रेस ने तृणमूल एवं भाजपा के खिलाफ गठबंधन किया है.
वहीं, विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ कुछ विशेष क्षेत्रों में लड़ाई का नेतृत्व क्षेत्रीय नेताओं द्वारा किए जाने का विचार रखा और सुझाव दिया कि कांग्रेस स्वतंत्र रूप से 300 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ सकती है. ममता बनर्जी ने साथ ही कहा कि वाम दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के एजेंडे पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि तृणमूल की तरह भाजपा को सीधी टक्कर कोई नहीं दे रहा है.