कोरोना काल में दर्ज मामलों को जल्द निपटाने के निर्देश दें
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पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
भोपाल। कोरोना काल में प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर प्रदेशभर में हजारों की संख्या में लोगों पर प्रकरण दर्ज किए गए थे। इन प्रकरणों को लेकर लोग परेशान है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इन प्रकरणों को जल्द निपटाने की मांग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मांग को लेकर एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि कोरोना काल में मप्र में 50 हजार लोगों पर कोविड गाइड लाइन उल्लंघन, प्रोटोकॉल उल्लंघन जैसे आपराधिक मामले दर्ज हुए जो अभी तक न्यायालयों में विचाराधीन हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान रिट याचिका में इस तरह के प्रकरणों को ख़त्म करने के निर्देश दिए हैं जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को इस आशय की एडवाइजरी जारी की थी।
उन्होंने कहा कि गृह विभाग ने 15 जून 2023 को आदेश जारी कर सभी जिलों के जिला दंडाधिकारियों को न्यायालयों में दर्ज मामलों के निपटारे के निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ, न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों के चलते प्रदेश के नागरिकों को कोर्ट की तारीख पर बार-बार जाना पड़ता है इतना ही नहीं पासपोर्ट बनवाने पुलिस वेरिफिकेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में ये प्रकरण बाधा बन रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि कोरोना काल में दर्ज कोविड गाइड लाइन उल्लंघन, प्रोटोकॉल उल्लंघन जैसे आपराधिक मामलों को निपटाने के निर्देश शासन स्तर से जल्दी दें, जिससे प्रदेश के 50 हजार परिवार राहत महसूस कर सकें।
भोपाल। कोरोना काल में प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर प्रदेशभर में हजारों की संख्या में लोगों पर प्रकरण दर्ज किए गए थे। इन प्रकरणों को लेकर लोग परेशान है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इन प्रकरणों को जल्द निपटाने की मांग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मांग को लेकर एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि कोरोना काल में मप्र में 50 हजार लोगों पर कोविड गाइड लाइन उल्लंघन, प्रोटोकॉल उल्लंघन जैसे आपराधिक मामले दर्ज हुए जो अभी तक न्यायालयों में विचाराधीन हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान रिट याचिका में इस तरह के प्रकरणों को ख़त्म करने के निर्देश दिए हैं जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को इस आशय की एडवाइजरी जारी की थी।
उन्होंने कहा कि गृह विभाग ने 15 जून 2023 को आदेश जारी कर सभी जिलों के जिला दंडाधिकारियों को न्यायालयों में दर्ज मामलों के निपटारे के निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ, न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों के चलते प्रदेश के नागरिकों को कोर्ट की तारीख पर बार-बार जाना पड़ता है इतना ही नहीं पासपोर्ट बनवाने पुलिस वेरिफिकेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में ये प्रकरण बाधा बन रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि कोरोना काल में दर्ज कोविड गाइड लाइन उल्लंघन, प्रोटोकॉल उल्लंघन जैसे आपराधिक मामलों को निपटाने के निर्देश शासन स्तर से जल्दी दें, जिससे प्रदेश के 50 हजार परिवार राहत महसूस कर सकें।