जनता के सवाल बढ़ रहे, सत्र की अवधि घट रही
नेता प्रतिपक्ष ने कम दिनों के सत्र को लेकर उठाए सवाल
भोपाल। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। शासन-प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है। इस बार पांच दिनों में ही सत्र खत्म कर दिया जाएगा। इतने कम दिनों तक सदन की कार्यवाही चलने को लेकर समय सीमा पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाए हैं। सिंघार ने कहा कि जनता के सवाल बढ़ते जा रहे हैं और अवधि घटती जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने सोशल मीडिया लिखा कि विधानसभा सत्र अपने पूरे कार्यकाल तक चलें, अध्यक्ष जी ऐसे इंतजाम करें। भाजपा के 20 साल के राज में विधानसभा के ज्यादातर सत्र दिनों के बजाए घंटो में निपट गए। साल में बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र कम से कम 60 दिन चलना चाहिए। लेकिन ये 15-20 दिन ही चल पा रहे। सिंघार ने आगे लिखा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार हमेशा जनता के मुद्दों से भागती रही है। यही वजह है कि हर बार बहाने से सत्र खत्म कर दिया जाता है। ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो सभी विधायक को अपनी बात कहने का पर्याप्त समय दे। ये जनता के प्रति उनकी जवाबदेही भी है। सिंघार ने कहा कि जनता के सवाल बढ़ रहे हैं और सत्रों की अवधि घटती जा रही है। क्षेत्र की समस्याओं पर सदन में चर्चा कम ही होती है। इससे जनता में संतुष्टी का भाव नहीं आता। इस बार विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और ब्ड को ऐसी व्यवस्था करना चाहिए कि सत्र अपने पूरे समय तक चले। विधायकों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय दिया जाए। जब विधायक सदन में अपनी बात रख सकेंगे, तभी विधानसभा सत्रों की सार्थकता भी साबित होगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होगा। विधानसभा सचिवालय ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। 5 दिनों तक चलने वाले सत्र का समापन 20 सितंबर को होगा। बताया जा रहा है कि सत्र में सरकार 4 विधेयक ला सकती है।