हुकुमचंद, विनोद मिल की तर्ज पर जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों का होगा भुगतान
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मुख्यमंत्री ने कहा की जाएगी श्रमिकों के हितों की रक्षा
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है जेसी मिल ग्वालियर के श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इंदौर के हुकुमचंद मिल और उज्जैन के विनोद मिल की तर्ज पर जल्द ही जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों का भुगतान कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सोमवार को ग्वालियर की जेसी मिल का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेसी मिल परिसर का भ्रमण किया, साथ ही नक्शे के माध्यम से जेसी मिल की जमीन व अन्य परिसंपत्तियों की जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जेसी मिल श्रमिकों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा सरकार मुकदमा नहीं समाधान चाहती है। इसी भावना के साथ सरकार न्यायालय में श्रमिकों के हित मे अपना पक्ष रखेगी, जिससे श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि जेसी मिल श्रमिकों के स्वत्वों के भुगतान के सिलसिले में अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। मिल की जमीन व परिसम्पत्तियों के सर्वे का काम कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन कर नए उद्योगों के निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है। साथ ही बंद मिलों के श्रमिकों की देनदारियां चुकाने का निर्णय भी सरकार ने लिया है। इस दिशा में इंदौर की हुकुमचंद मिल और उज्जैन की विनोद मिल की देनदारियों का भुगतान किया जा चुका है। इसी तर्ज पर जेसी मिल और प्रदेश की अन्य बंद मिलों की देनदारियों का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा जेसीमिल के लगभग 8 हजार श्रमिकों की देनदारियों का शीघ्र भुगतान कराने के लिए सरकार गंभीरता से प्रयासरत है।
आईटी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, महिला, युवा व किसानों को देश के चार स्तम्भ के रूप में रेखांकित किया है। प्रदेश सरकार इन सभी के उत्थान के लिये कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालियर में आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं। आईटी विशेषज्ञ यहाँ के युवाओं को बाहर न जाना पड़े, इसके लिये ग्वालियर में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित इकाईयों को प्रदेश सरकर द्वारा विशेष बढ़ावा दिया जायेगा।
विश्व स्तरीय इण्डस्ट्रीयल समिट होगी फरवरी में
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला चलाई जा रही है। ग्वालियर, जबलपुर, सागर व रीवा इत्यादि शहरों में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो चुकी हैं। इसी कड़ी में 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग व जनवरी माह में शहडोल में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने कहा संभाग स्तर पर रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला पूरी होने के बाद फरवरी माह में प्रदेश में विश्व स्तरीय इण्डस्ट्रीयल समिट का आयोजन होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये विश्व भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कड़ी में वे जल्द ही जर्मनी व ब्रिटेन के दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये जाएंगे। उन्होंने कहा इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजनों से प्रदेश में उद्योग फ्रेंडली माहौल बना है, जिससे वृहद स्तर पर औद्योगिक निवेश हो रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है जेसी मिल ग्वालियर के श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इंदौर के हुकुमचंद मिल और उज्जैन के विनोद मिल की तर्ज पर जल्द ही जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों का भुगतान कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सोमवार को ग्वालियर की जेसी मिल का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेसी मिल परिसर का भ्रमण किया, साथ ही नक्शे के माध्यम से जेसी मिल की जमीन व अन्य परिसंपत्तियों की जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जेसी मिल श्रमिकों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा सरकार मुकदमा नहीं समाधान चाहती है। इसी भावना के साथ सरकार न्यायालय में श्रमिकों के हित मे अपना पक्ष रखेगी, जिससे श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि जेसी मिल श्रमिकों के स्वत्वों के भुगतान के सिलसिले में अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। मिल की जमीन व परिसम्पत्तियों के सर्वे का काम कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन कर नए उद्योगों के निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है। साथ ही बंद मिलों के श्रमिकों की देनदारियां चुकाने का निर्णय भी सरकार ने लिया है। इस दिशा में इंदौर की हुकुमचंद मिल और उज्जैन की विनोद मिल की देनदारियों का भुगतान किया जा चुका है। इसी तर्ज पर जेसी मिल और प्रदेश की अन्य बंद मिलों की देनदारियों का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा जेसीमिल के लगभग 8 हजार श्रमिकों की देनदारियों का शीघ्र भुगतान कराने के लिए सरकार गंभीरता से प्रयासरत है।
आईटी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, महिला, युवा व किसानों को देश के चार स्तम्भ के रूप में रेखांकित किया है। प्रदेश सरकार इन सभी के उत्थान के लिये कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालियर में आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं। आईटी विशेषज्ञ यहाँ के युवाओं को बाहर न जाना पड़े, इसके लिये ग्वालियर में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित इकाईयों को प्रदेश सरकर द्वारा विशेष बढ़ावा दिया जायेगा।
विश्व स्तरीय इण्डस्ट्रीयल समिट होगी फरवरी में
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला चलाई जा रही है। ग्वालियर, जबलपुर, सागर व रीवा इत्यादि शहरों में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो चुकी हैं। इसी कड़ी में 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग व जनवरी माह में शहडोल में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने कहा संभाग स्तर पर रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला पूरी होने के बाद फरवरी माह में प्रदेश में विश्व स्तरीय इण्डस्ट्रीयल समिट का आयोजन होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये विश्व भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कड़ी में वे जल्द ही जर्मनी व ब्रिटेन के दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये जाएंगे। उन्होंने कहा इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजनों से प्रदेश में उद्योग फ्रेंडली माहौल बना है, जिससे वृहद स्तर पर औद्योगिक निवेश हो रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।