विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए बेहतर बन रहे प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्र
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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। प्रदेश में सहरिया, बैगा और भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियां निवास करती हैं। इन क्षेत्रों के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की डिजाइन को केन्द्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ माना है। मध्यप्रदेश में केन्द्र सरकार के मापदंडों के अनुरूप पीएम-जनमन के अंतर्गत प्रत्येक 100 विशेष पिछड़ी जनजाति आबादी पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाएगा।
केन्द्र सरकार ने इस वर्ष मध्यप्रदेश के लिए इस चालू वर्ष में 355 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। जबकि बीते साल 194 नए आंगनवाड़ी केन्द्र की मंजूरी केन्द्र ने दी थी। प्रदेश में कुल 97 हजार 329 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें 12 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। इनमें से 79 हजार 910 भवनों में विद्युत सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रदेश में 8 हजार 692 भवनों में विद्युत सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य प्रगति पर है। शेष 8 हजार 727 केन्द्रों में भी यह सुविधा आगामी वित्त वर्ष में उपलब्ध करवाई जाएगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 199.94 करोड़ की राशि से 1782 नए आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जिन केन्द्रों में बाउंड्रीवॉल है वहां पोषण वाटिका स्थापित की जा रही हैं। प्रदेश में 21 हजार 534 केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई हैं। प्रदेश में 51 हजार 63 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में चल रहे हैं। अन्य शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या 20 हजार 727 और किराए के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या 25 हजार 539 है। वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन)के अंतर्गत प्रदेश में 194 नए आंगनवाड़ी केन्द्र खुले हैं।
केन्द्र सरकार ने इस वर्ष मध्यप्रदेश के लिए इस चालू वर्ष में 355 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। जबकि बीते साल 194 नए आंगनवाड़ी केन्द्र की मंजूरी केन्द्र ने दी थी। प्रदेश में कुल 97 हजार 329 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें 12 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। इनमें से 79 हजार 910 भवनों में विद्युत सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रदेश में 8 हजार 692 भवनों में विद्युत सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य प्रगति पर है। शेष 8 हजार 727 केन्द्रों में भी यह सुविधा आगामी वित्त वर्ष में उपलब्ध करवाई जाएगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 199.94 करोड़ की राशि से 1782 नए आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जिन केन्द्रों में बाउंड्रीवॉल है वहां पोषण वाटिका स्थापित की जा रही हैं। प्रदेश में 21 हजार 534 केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई हैं। प्रदेश में 51 हजार 63 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में चल रहे हैं। अन्य शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या 20 हजार 727 और किराए के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या 25 हजार 539 है। वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन)के अंतर्गत प्रदेश में 194 नए आंगनवाड़ी केन्द्र खुले हैं।