शिक्षक नियमित स्कूल जाएंगे तो शिक्षा के उद्देश्य को हासिल कर पाएंगे
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शिक्षा मंत्री ने बच्चों की उपस्थिति पर भी दिया जोर
भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों के समग्र विकास पर जोर दिया गया है। इस वजह से शिक्षा व्यवस्था के बदलाव में स्टार्स परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि कहा कि जब शिक्षक समर्पण की भावना से नियमित रूप से स्कूल जाएंगे और बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति स्कूलों में होगी, तभी हम सार्थक रूप से शिक्षा के उद्देश्यों को हासिल कर सकेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह आज भोपाल में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की स्टार्स परियोजना की दो दिवसीय नॉलेज शेयरिंग कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब शिक्षक समर्पण की भावना से नियमित रूप से स्कूल जायेंगे और बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति स्कूलों में होगी, तभी हम सार्थक रूप से शिक्षा के उद्देश्यों को हासिल कर सकेंगे। शिक्षा के बदलते दौर की चर्चा करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से देश में प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप शिक्षा को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अब दुर्गम स्कूलों में भी बच्चों तक टेक्नोलॉजी पहुंचाने के लिये आईसीटी लैब की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सीएम राइज स्कूल की विस्तृत जानकारी कार्यशाला में दी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने स्कूलों में कृषि से जुड़ी शिक्षा व्यवस्था के लिये एग्रीकल्चर स्कूल की योजना बनाई है। इस योजना से बच्चे खेती-किसानी के बारे में शिक्षा हासिल कर इसे गर्व के साथ अपनायेंगे।
स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के स्कूलों में इस वर्ष 20 हजार शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिये दिलाया गया है। सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके, इसके लिये करीब 16 हजार शिक्षकों की पदस्थापना का युक्तियुक्तकरण किया गया है।
भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों के समग्र विकास पर जोर दिया गया है। इस वजह से शिक्षा व्यवस्था के बदलाव में स्टार्स परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि कहा कि जब शिक्षक समर्पण की भावना से नियमित रूप से स्कूल जाएंगे और बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति स्कूलों में होगी, तभी हम सार्थक रूप से शिक्षा के उद्देश्यों को हासिल कर सकेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह आज भोपाल में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की स्टार्स परियोजना की दो दिवसीय नॉलेज शेयरिंग कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब शिक्षक समर्पण की भावना से नियमित रूप से स्कूल जायेंगे और बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति स्कूलों में होगी, तभी हम सार्थक रूप से शिक्षा के उद्देश्यों को हासिल कर सकेंगे। शिक्षा के बदलते दौर की चर्चा करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से देश में प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप शिक्षा को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अब दुर्गम स्कूलों में भी बच्चों तक टेक्नोलॉजी पहुंचाने के लिये आईसीटी लैब की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सीएम राइज स्कूल की विस्तृत जानकारी कार्यशाला में दी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने स्कूलों में कृषि से जुड़ी शिक्षा व्यवस्था के लिये एग्रीकल्चर स्कूल की योजना बनाई है। इस योजना से बच्चे खेती-किसानी के बारे में शिक्षा हासिल कर इसे गर्व के साथ अपनायेंगे।
स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के स्कूलों में इस वर्ष 20 हजार शिक्षकों को उच्च पद का प्रभार ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिये दिलाया गया है। सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके, इसके लिये करीब 16 हजार शिक्षकों की पदस्थापना का युक्तियुक्तकरण किया गया है।