बाघों की मौत, शिकारियों, तस्करों की भूमिका की जांच करे सरकार
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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बाघों की मौत को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बाघों की असमान्य मौतों को गंभीरता से लें। शिकारियों एवं तस्करों की भूमिका की जांच कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की पहल करें।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्यप्रदेश वन्य प्राणियों के लिए भी असुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में पिछले 6 महीनों में 23 बाघों की मौत हुई है, जिसमें से अकेले बांधवगढ में 12 बाघों की मौत हुई है। वर्ष 2024 में देश में अब तक कुल 75 बाघों की मौत हुई है जिसमें अकेले मध्यप्रदेश में 23 बाघों की मौत हुई है। देश में कुल बाघों की मौत का 30 प्रतिशत आँकड़ा अकेले मध्यप्रदेश से है।
उन्होंने लिखा कि बताया जा रहा है कि बांधवगढ में शिकारियों और अंतरराष्ट्रीय तस्करों की साँठगाँठ से बाघों की मौत का घिनौना खेल खेला जा रहा है। वन विभाग को कुछ शिकारियों के खातों में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के भी सबूत मिले हैं। हम बाघों की मौत के मामले में पूरे देश में नंबर वन आ चुके हैं, बावजूद इसके सरकार कोई भी ठोस कदम उठाने में नाकाम साबित हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की उदासीनता से जहां तस्करों की मौज हो रही है, वहीं वन्य जीवों का जीवन संकट में आ गया है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि बाघों की असमान्य मौतों को गंभीरता से लें और शिकारियों एवं तस्करों की भूमिका की जाँच कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की पहल करें।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्यप्रदेश वन्य प्राणियों के लिए भी असुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में पिछले 6 महीनों में 23 बाघों की मौत हुई है, जिसमें से अकेले बांधवगढ में 12 बाघों की मौत हुई है। वर्ष 2024 में देश में अब तक कुल 75 बाघों की मौत हुई है जिसमें अकेले मध्यप्रदेश में 23 बाघों की मौत हुई है। देश में कुल बाघों की मौत का 30 प्रतिशत आँकड़ा अकेले मध्यप्रदेश से है।
उन्होंने लिखा कि बताया जा रहा है कि बांधवगढ में शिकारियों और अंतरराष्ट्रीय तस्करों की साँठगाँठ से बाघों की मौत का घिनौना खेल खेला जा रहा है। वन विभाग को कुछ शिकारियों के खातों में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के भी सबूत मिले हैं। हम बाघों की मौत के मामले में पूरे देश में नंबर वन आ चुके हैं, बावजूद इसके सरकार कोई भी ठोस कदम उठाने में नाकाम साबित हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की उदासीनता से जहां तस्करों की मौज हो रही है, वहीं वन्य जीवों का जीवन संकट में आ गया है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि बाघों की असमान्य मौतों को गंभीरता से लें और शिकारियों एवं तस्करों की भूमिका की जाँच कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की पहल करें।