कहीं फायर फाइटिंग उपकरण नहीं हैं तो कही निकासी के लिए है एक द्वार
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जिला प्रशासन के अधिकारियों ने किया कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण
भोपाल। राजधानी के कोचिंग संस्थानों पर जिला प्रशासन ने कसावट करना ष्शुरू कर दिया है। कलेक्टर के निर्देश पर कोचिंग संस्थानों के किए गए निरीक्षण में कई कमियां पाई गई। किसी कोचिंग संस्था में अपेक्षा के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं थी तो किसी में विद्यार्थियों के निकलने के लिए दूसरा द्वार नहीं था। कुछ संस्थाओं में फायर फाइटिंग उपकरण ही नहीं मिले।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के दिए निर्देशानुसार एम.पी. नगर स्थित कोचिंग एवं रेस्टोरेंट में आग दुर्घटना के समय बचाव के संबंध में व्यवस्थाओ का निरीक्षण किया गया। कोचिंग संस्थान ऑरस एकेडमी में अग्नि दुर्घटना से बचाव के संबध में मानक स्तर के उपाय नहीं पाये गए। ऑरस कोचिंग संस्थान में कुल 1800 छात्रो का रजिस्ट्रेशन होना पाया गया जिसमें 350 छात्र निरीक्षण के दौरान कोचिंग में पाये गए। तीन फ्लोर पर संचालित ऑरस एकेडमी में व्यवस्थाएं नही पाई गई। फायर फाइटिंग सिस्टम पंप (हौज पाईप), स्टोरेज टेंक क्षमता अनुसार कम पाए गए। 10 हजार लीटर होना चाहिए, बेसमेंट में क्लासेस लगी पायी गयी, वहाँ दूसरा एक्जिट द्वार नही पाया गया, इमरजेंसी एक्जिट उपलब्ध नही था, फायर एस्टिंगयूशर कम संख्या मे थे, एक ही ऑपरेटर उपलब्ध था, स्मोक डिटेक्टर ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर नही था, कोचिंग संस्थान मीतेश राठी क्लासेस का निरीक्षण किया गया कुल 500 छात्रो का रजिस्ट्रेशन होना पाया गया जिसमें पाया गया कि मल्टी स्टोरी निर्माण मानक स्तर के अग्नि दुर्घटना के समय पुनर्निर्माण की व्यवस्था नहीं मिली, हर फ्लोर पर फायर फायटर सिस्टम उपलब्ध नही थे, स्टोरेज टेंक क्षमता अनुसार कम पाए गए। 10 हजार लीटर होना चाहिए, बेसमेंट में टू व्हीलर पार्किंग है, वही पर इलेक्ट्रिकल डी.जे. पाया गया। वहाँ स्प्रिंकलर होना जरूरी है जो नही पाया गया, साईन बोर्ड, एबीसी सिलेन्डर, सीओ 2 सिलेन्डर, आटोमेटिक स्प्रिंकलर उपलब्ध नही थे। होटल रेस्टोरेन्ट हॉस्पीटल कोचिंग हॉस्टल स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय आदि में फायर सेफ्टी के उक्तानुसार मापदंड है जिनको अनुसरण करना चाहिए।
भोपाल। राजधानी के कोचिंग संस्थानों पर जिला प्रशासन ने कसावट करना ष्शुरू कर दिया है। कलेक्टर के निर्देश पर कोचिंग संस्थानों के किए गए निरीक्षण में कई कमियां पाई गई। किसी कोचिंग संस्था में अपेक्षा के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं थी तो किसी में विद्यार्थियों के निकलने के लिए दूसरा द्वार नहीं था। कुछ संस्थाओं में फायर फाइटिंग उपकरण ही नहीं मिले।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के दिए निर्देशानुसार एम.पी. नगर स्थित कोचिंग एवं रेस्टोरेंट में आग दुर्घटना के समय बचाव के संबंध में व्यवस्थाओ का निरीक्षण किया गया। कोचिंग संस्थान ऑरस एकेडमी में अग्नि दुर्घटना से बचाव के संबध में मानक स्तर के उपाय नहीं पाये गए। ऑरस कोचिंग संस्थान में कुल 1800 छात्रो का रजिस्ट्रेशन होना पाया गया जिसमें 350 छात्र निरीक्षण के दौरान कोचिंग में पाये गए। तीन फ्लोर पर संचालित ऑरस एकेडमी में व्यवस्थाएं नही पाई गई। फायर फाइटिंग सिस्टम पंप (हौज पाईप), स्टोरेज टेंक क्षमता अनुसार कम पाए गए। 10 हजार लीटर होना चाहिए, बेसमेंट में क्लासेस लगी पायी गयी, वहाँ दूसरा एक्जिट द्वार नही पाया गया, इमरजेंसी एक्जिट उपलब्ध नही था, फायर एस्टिंगयूशर कम संख्या मे थे, एक ही ऑपरेटर उपलब्ध था, स्मोक डिटेक्टर ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर नही था, कोचिंग संस्थान मीतेश राठी क्लासेस का निरीक्षण किया गया कुल 500 छात्रो का रजिस्ट्रेशन होना पाया गया जिसमें पाया गया कि मल्टी स्टोरी निर्माण मानक स्तर के अग्नि दुर्घटना के समय पुनर्निर्माण की व्यवस्था नहीं मिली, हर फ्लोर पर फायर फायटर सिस्टम उपलब्ध नही थे, स्टोरेज टेंक क्षमता अनुसार कम पाए गए। 10 हजार लीटर होना चाहिए, बेसमेंट में टू व्हीलर पार्किंग है, वही पर इलेक्ट्रिकल डी.जे. पाया गया। वहाँ स्प्रिंकलर होना जरूरी है जो नही पाया गया, साईन बोर्ड, एबीसी सिलेन्डर, सीओ 2 सिलेन्डर, आटोमेटिक स्प्रिंकलर उपलब्ध नही थे। होटल रेस्टोरेन्ट हॉस्पीटल कोचिंग हॉस्टल स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय आदि में फायर सेफ्टी के उक्तानुसार मापदंड है जिनको अनुसरण करना चाहिए।