सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों की नहीं हो रही सुनवाई
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लंबे समय से शिकायतों पर अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
भोपाल। प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन द्वारा लोगों की समस्याओं को दूर करने की सरकार की पहल को अब अधिकारी ही पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। हेल्पलाइन को मिल रही शिकायतों की सुनवाई नहीं हो रही है, इसके चलते दिन प्रतिदिन शिकायतों की संख्या बढ़ रही है। इनका निराकरण नहीं हो पा रहा है।
प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में सीएम हेल्पालाइन सेवा की शुरूआत की गई थी। इस सेवा का लाभ लोगों को मिला भी, मगर वर्तमान में लंबे समय से यहां पर शिकायतें करने वालों की सुनवाई ही नहीं हो रही है। इसके चलते कई विभागों की शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांत यह है कि सीएम हेल्प लाइन में महिला एवं बाल विकास विभाग की करीब ढ़ाई हजार से ज्यादा शिकायतें ऐसी है, जिनका निराकरण अब तक नहीं हुआ है। इसके कारण शिकायतकर्ता परेशान हैं। जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग की 2 हजार 9 सौ 48, लोक शिक्षण की 2 हजार 5 सौ 84,राजस्व की 1 हजार 4 सौ 53, पुलिस विभाग की सात सौ, प्रसूति विभाग की 6 सौ 74, जिला अस्पताल की 624 शिकायतें दर्ज है, मगर इनका निराकरण नहीं हुआ है। यही नहीं अन्य विभागों की हजारों शिकायतें पर बिना निराकरण के पड़ी हैं।
भोपाल। प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन द्वारा लोगों की समस्याओं को दूर करने की सरकार की पहल को अब अधिकारी ही पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। हेल्पलाइन को मिल रही शिकायतों की सुनवाई नहीं हो रही है, इसके चलते दिन प्रतिदिन शिकायतों की संख्या बढ़ रही है। इनका निराकरण नहीं हो पा रहा है।
प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में सीएम हेल्पालाइन सेवा की शुरूआत की गई थी। इस सेवा का लाभ लोगों को मिला भी, मगर वर्तमान में लंबे समय से यहां पर शिकायतें करने वालों की सुनवाई ही नहीं हो रही है। इसके चलते कई विभागों की शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांत यह है कि सीएम हेल्प लाइन में महिला एवं बाल विकास विभाग की करीब ढ़ाई हजार से ज्यादा शिकायतें ऐसी है, जिनका निराकरण अब तक नहीं हुआ है। इसके कारण शिकायतकर्ता परेशान हैं। जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग की 2 हजार 9 सौ 48, लोक शिक्षण की 2 हजार 5 सौ 84,राजस्व की 1 हजार 4 सौ 53, पुलिस विभाग की सात सौ, प्रसूति विभाग की 6 सौ 74, जिला अस्पताल की 624 शिकायतें दर्ज है, मगर इनका निराकरण नहीं हुआ है। यही नहीं अन्य विभागों की हजारों शिकायतें पर बिना निराकरण के पड़ी हैं।