पूर्व आईएएस सुखबीर और ज्ञानेश कुमार बने चुनाव आयुक्त, पीएम मोदी की अध्यक्षता वाले पैनल ने लगाई मुहर
नई दिल्ली. पूर्व आईएएस सुखबीर संधू व ज्ञानेश कुमार के नाम चुनाव आयुक्त के लिए फाइनल हो गए है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले पैनल की आज हुई बैठक में दोनों के नाम पर मुहर लगा दी गई.
सुखबीर उत्तराखंड के मुख्य सचिव व एनएचएआई के चेयरमैन रह चुके हैं. ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वे गृह मंत्रालय में तैनात रह चुके हैं. धारा 370 पर फैसले के वक्त गृह मंत्रालय में तैनात थे. सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए हैं. हालांकि अभी चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद इनकी नियुक्ति की जाएगी. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विपक्ष के नेता अधीर रंजन ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि मीटिंग शुरू होने के 10 मिनट पहले 6 नाम मेरे पास आए. मुझे सुखबीर सिंह संधू, ज्ञानेश कुमार, उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, इंदीवर पांडे व गंगाधर राहत के नाम सौंपे गए थे. मैंने कहा कि इनकी ईमानदारी और तजुर्बा जांचना मेरे लिए असंभव है. मैं इस प्रक्रिया का विरोध करता हूं. ये होना ही था, ये औपचारिकता है. इस कमेटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को रखना चाहिए. अगर सीजेआई होते तो बात अलग थी. उन्होने कहा कि मैं दिल्ली आया तब मुझे 212 लोगों की लिस्ट सौंपी गई थी. इतने कम समय में सभी का प्रोफाइल जांचना असंभव था. नियम के मुताबिक चुनावए आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं. एक चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे फरवरी में रिटायर हो गए थे. दूसरे अरुण गोयल ने 8 मार्च की सुबह अचानक इस्तीफा दे दिया. जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 मार्च को स्वीकार कर लिया. 3 सदस्यीय चुनाव आयोग में राजीव कुमार ही अकेले बचे थे.