पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को करने होंगे मैदानी दौरे
मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, 8 दिन, कार्यपालन यंत्री 12 दिन करेंगे दौरे
भोपाल। अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई द्वारा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं निरीक्षण प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के लिये दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जारी आदेश में मुख्य अभियंता और अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारियों को प्रत्येक माह में कम से कम 8 दिन और कार्यपालन यंत्री स्तर के अधिकारियों को 12 दिन आवश्यक रूप से फील्ड में दौरे करना होगा। कार्यपालन यंत्री को प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार के दिन आपात स्थिति को छोड़ कर मुख्यालय में न रहकर फील्ड में निरीक्षण कार्य करना होगा। निरीक्षण प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित करना अनिवार्य किया गया है। मुख्य अभियंताओं के दल द्वारा सात परिक्षेत्रों के एक एक जिले के कार्यों का प्रत्येक माह के द्वितीय एवं चर्तुथ गुरुवार को सॉफ्टवेयर के माध्यम से रेण्डम आधार पर प्रगतिरत परफॉर्मेंस गारंटी के कार्यों की दो-दो सड़के (कम से कम एक आर.डी.सी अथवा राष्ट्रीय राजमार्ग हो) तथा एक भवन (लो.नि.वि, बी.डी.सी) को सम्मिलित करते हुए चिन्हित कर निरीक्षण करवाया जाए, जिसमें गोपनीयता का ध्यान रखा जाये। निरीक्षण करने वाले दल के साथ चलित लैब की व्यवस्था परिक्षेत्रीय मुख्य अभियंता के द्वारा की जाएगी। निरीक्षण स्थलों एवं लिए गए नमूना स्थलों की जियो टैग्ड फोटो खींचकर रिपोर्ट के साथ पृथक से अपलोड की जाए।
दूसरे, चौथे शुक्रवार को देनी होगी रिपोर्ट
निरीक्षण दल द्वारा प्रत्येक माह के दूसरे एवं चौथे शुक्रवार को प्रमुख अभियंता को रिपोर्ट सौंपी जायेगी एवं उसी दिन 4 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा कर आवश्यक निर्देश जारी किये जायें। निरीक्षण रिपोर्ट एक निश्चित प्रारूप में ऑनलाइन प्राप्त की जानी चाहिए जिससे प्रमुख अभियंता, प्रबंध संचालक, अपर मुख्य सचिव को भेजी जाएं