हमने जो कहा था, वहीं बात रखी हाईकोर्ट में : मुख्यमंत्री
छह सप्ताह का समय मिलने पर जताया आभार
भोपाल। पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा छह सप्ताह का समय दिए जाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि हमने जो कहा था, वही बात हमने हाई कोर्ट में भी रखी है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार हमने यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में शिफ्ट किया था।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सरकार की मंशा के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि मैं माननीय हाई कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। हाई कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह सरकार की मंशा को जानकर दिया है। हम माननीय हाई कोर्ट की परामर्श के बाद ही आगे बढ़ेंगे। इसी के साथ उन्होंने पीथमपुर के लोगों से अपील की कि वे अपनी चिंताओं और विचारों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि मैं भी यही कहना चाहूंगा कि सभी पक्ष माननीय न्यायालय के सामने अपनी बात रखें। अभी समय है। यह फैसला हम सबकी आशा और अपेक्षा के अनुरूप आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन भावनाओं का सम्मान करते हुए और सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने यह फैसला लिया है कि इस मामले में सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए अदालत ने छह सप्ताह का समय तय किया है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने इस बात को माना है कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा।
सरकार को मिला छह सप्ताह का समय
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का पूरा विश्वास और आस्था हाईकोर्ट में है और वह इसके निर्देशों का पालन करते हुए जनभावनाओं का सम्मान करते हुए ही आगे कदम बढ़ाएंगे। बता दें कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने आज सरकार को निर्देश दिया है कि वह जनता को इस मुद्दे पर भरोसे में लेने के लिए अगले छह हफ्तों के भीतर ठोस कदम उठाए। साथ ही, मीडिया को भी सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी प्रकार की भ्रामक या असत्य जानकारी प्रकाशित या प्रसारित न करें। इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
गुरू गोबिंद सिंह की जीवन यात्रा सभी के लिए प्रेरणादायी
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव आज राजधानी में सिखों के 10वें गुरू खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा हमीदिया रोड में मत्था टेकने पहुंचे। गुरूद्वारे में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कहा कि गुरू गोबिंद सिंह ने देश और धर्म के गौरव की रक्षा तथा मूल धर्म की स्थापना के लिए अपने चार साहिबजादों और परिवार का जो बलिदान दिया उसके लिए संपूर्ण राष्ट्र नतमस्तक है। देश के स्वाभिमान और संस्कृति को विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ अपने परिवार को कुर्बान कर देने वाली गुरू की जीवन यात्रा सभी के लिए प्रेरणादायी है। गुरू गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना कर यह बताया कि देश और संस्कृति के लिए हथियार उठाकर बहादुरी के साथ लड़ना जरूरी है। धर्म, संस्कृति और इतिहास को बचाने का उनका प्रयास सम्पूर्ण विश्व के सामने एक प्रभावी, अतुलनीय और अद्भुत उदाहरण है। हर युग और हर काल में उनकी शहादत याद रखी जाएगी।