कांग्रेस मीडिया विभाग में नियुक्ति पर बवाल, रोकना पड़ी सूची
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भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मीडिया विभाग का पुनर्गठन करने से बवाल मच गया। इस पुनर्गठन में बड़े नेताओं के समर्थकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया तो इस नई सूची को तत्काल रोकना पड़ा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस का पुनर्गठन किया गया था। इस पुनर्गठन में की गई चूक के कारण बवाल मच गया था। उस समय पर इस कमेटी में नियुक्त किए गए आठ पदाधिकारियों द्वारा अपने पदों से इस्तीफा दे दिया गया था। अभी यह बवाल ठंडा हुआ ही था कि पटवारी द्वारा प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग का पुनर्गठन किया गया। इस पुनर्गठन में मृणाल पंत, शैलेंद्र पटेल, कुणाल चौधरी, विपिन वानखेड़े, विनय सक्सेना, निशा बांगरे, रोशनी यादव, अशोक मर्सकोले, बैजनाथ कुशवाह, अमित शर्मा, फरहाना खान, आरपी सिंह, संगीता शर्मा, राजकुमार केलू उपाध्याय, योगेश यादव, अवनी बंसल, रीना बौरासी सेतिया को हटा दिया गया। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह समर्थक केदार सिरोही, कमलनाथ समर्थक संगीता शर्मा, अरुण यादव समर्थक रोशनी यादव, नीलाभ शुक्ला को भी हटा दिया गया। इस सूची में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के एक भी समर्थक को स्थान नहीं दिया गया। ऐसी स्थिति में सूची जारी होते ही विरोध के स्वर उठने लगे। इस विरोध के चलते हुए सूची जारी होने के कुछ घंटे बाद ही उसे होल्ड कर दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस का पुनर्गठन किया गया था। इस पुनर्गठन में की गई चूक के कारण बवाल मच गया था। उस समय पर इस कमेटी में नियुक्त किए गए आठ पदाधिकारियों द्वारा अपने पदों से इस्तीफा दे दिया गया था। अभी यह बवाल ठंडा हुआ ही था कि पटवारी द्वारा प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग का पुनर्गठन किया गया। इस पुनर्गठन में मृणाल पंत, शैलेंद्र पटेल, कुणाल चौधरी, विपिन वानखेड़े, विनय सक्सेना, निशा बांगरे, रोशनी यादव, अशोक मर्सकोले, बैजनाथ कुशवाह, अमित शर्मा, फरहाना खान, आरपी सिंह, संगीता शर्मा, राजकुमार केलू उपाध्याय, योगेश यादव, अवनी बंसल, रीना बौरासी सेतिया को हटा दिया गया। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह समर्थक केदार सिरोही, कमलनाथ समर्थक संगीता शर्मा, अरुण यादव समर्थक रोशनी यादव, नीलाभ शुक्ला को भी हटा दिया गया। इस सूची में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के एक भी समर्थक को स्थान नहीं दिया गया। ऐसी स्थिति में सूची जारी होते ही विरोध के स्वर उठने लगे। इस विरोध के चलते हुए सूची जारी होने के कुछ घंटे बाद ही उसे होल्ड कर दिया गया।