चीन में एक नई महामारी से फिर दहशत, एचएमपीवी से भारत को भी खतरा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी यह एडवाइजरी
नई दिल्ली. कोविड महामारी के पांच साल बाद चीन एक बार फिर संकट में है. चीन में ह्यून मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) फैलने से वहां इमरजेंसी जैसी स्थितियां एक बार फिर बन गई हैं. दुनिया के तमाम देश चीन में फैली महामारी से घबराए हुए और लगातार नजर बनाए हुए हैं.
भारत भी चीन की स्थितियों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा. हालांकि, हेल्थ मिनिस्ट्री के विशेषज्ञों ने फिलहाल भारत को इससे सुरक्षित करार दिया है. एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के प्रसार को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि, सांस संबंधी समस्याओं को लेकर सावधानी बरतने की बात कही है.
सामान्य तरीके से इसे लें, घबराने की जरूरत नहीं
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के अधिकारी डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि चीन की स्थितियां देखकर या सुनकर घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. भारत में सांस संबंधी संक्रमण को लेकर सामान्य सावधानी बरतने की जरूरत है. डॉ. गोयल ने कहा: वर्तमान स्थिति को लेकर चिंतित होने की कोई बात नहीं है. एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है इसलिए इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए रोकथाम ही महत्वपूर्ण है. डॉ.गोयल ने कहा कि चीन में मेटान्यूमोवायरस के प्रकोप के बारे में मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं. मेटान्यूमोवायरस किसी भी अन्य सांस वाले वायरस की तरह है जो सामान्य सर्दी का कारण बनता है और बहुत बूढ़े और बहुत छोटे बच्चों में यह फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है.
कोई परेशानी की बात नहीं
डॉ.गोयल ने कहा, देश में सांस संबंधी बीमारियों के आंकड़ों का एक्सपर्ट टीम ने विश्लेषण किया है. दिसंबर 2024 के आंकड़ों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है. हमारे किसी भी संस्थान से बड़ी संख्या में कोई मामले सामने नहीं आए हैं. सर्दियों में श्वसन वायरस संक्रमण का प्रकोप वैसे भी बढ़ जाता है जिसके लिए अस्पताल आमतौर पर आपूर्ति और बिस्तरों के साथ तैयार रहते हैं. लोग सामान्य सावधानियां बरतें जो हम सभी सांस संबंधी संक्रमणों में अपनाते हैं. यानी अगर किसी को खांसी और जुकाम है तो उसे बहुत से लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए ताकि संक्रमण न फैले. खांसने और छींकने के लिए अलग रूमाल या तौलिया का इस्तेमाल करें. जब भी सर्दी या बुखार हो तो सामान्य दवाएं लें.
चीन में हालात गंभीर
दरअसल, चीन में फैसले सांस संबंधी वायरस को लेकर दुनिया के देश इसलिए आशंकित हैं क्योंकि पांच साल पहले उसके वुहान शहर में कोरोना वायरस फैला था और वह इसे छुपाता रहा. बाद में हालात बेहद गंभीर हो गए और लाखों लोगों की जान चली गई. कोरोना ने पूरे दुनिया में तबाही मचाया. इस वजह से डब्ल्यूएचओ ने चीन से बिना कुछ छुपाए जानकारियों को साझा करने का अनुरोध किया है. डबलूएचओ ने सोमवार को एक बयान प्रकाशित किया जिसमें कहा गया कि चीन के लिए अधिक जानकारी साझा करना नैतिक और वैज्ञानिक अनिवार्यता है.