प्रदेश में अप्रैल से बढ़ सकते हैं बिजली के दाम
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नियामक आयोग ने कंपनियों को दी मंजूरी
भोपाल। प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगने वाला है। बिजली कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाने दायर की गई याचिका विद्युत विनियामक आयोग में मंजूरी मिल गई है। सुनवाई के बाद बिजली के टैरिफ में बढ़ोतरी होगी। इस साल अप्रैल में नया टैरिफ लागू होगा।
राज्य की बिजली कंपनियों ने 4107.18 करोड़ का घाटा हुआ है। कंपनियों ने बिजली के मौजूदा टैरिफ में 7.52 फीसदी इजाफा करने की मांग की है। इसके लिए कंपनी ने मप्र विद्युत विनियामक आयोग में एक महीने पहले याचिका दायर कर दी थी। इस याचिका को आयोग ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। आयोग ने बिजली कंपनियों की मांग पर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं। 24 जनवरी तक आयोग के पास सुझाव होंगे। इन सुझावों पर सुनवाई के बाद नया टैरिफ लागू होगा।
बिजली कंपनियों ने वर्ष 2025-26 के लिए 58744.15 करोड के राज्य की जरूरत बताई है। बिजली कंपनी के मुताबिक प्रचालित दरों पर 54636 करोड़ का राजस्व मिलेगा। इससे बिजली कंपनियों को 4107.18 करोड़ का नुकसान होगा। इसकी भरपाई के लिए कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने की मांग की है। बिजली कंपनियों ने टैरिफ स्लैब खत्म करने का प्रस्ताव आयोग में दिया। बिजली कंपनियां 300 यूनिट से अधिक टैरिफ स्लैब को खत्म करना चाहते हैं। यदि ऐसा होता है तो तीन टैरिफ स्लैब बचेंगे। उपभोक्ताओं का बिल चार टैरिफ स्लैब के मुताबिक बनता है। पहले 0 से 50, दूसरा 51 से 150, तीसरा 151 से 300 और चौथा टैरिफ स्लैब 300 यूनिट से अधिक का होगा। चौथे टैरिफ स्लैब को खत्म कर 151 से ज्यादा यूनिट में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। 151 से 300 यूनिट तक बिजली खपत वाले लोगों को नुकसान होगा।
भोपाल। प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगने वाला है। बिजली कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाने दायर की गई याचिका विद्युत विनियामक आयोग में मंजूरी मिल गई है। सुनवाई के बाद बिजली के टैरिफ में बढ़ोतरी होगी। इस साल अप्रैल में नया टैरिफ लागू होगा।
राज्य की बिजली कंपनियों ने 4107.18 करोड़ का घाटा हुआ है। कंपनियों ने बिजली के मौजूदा टैरिफ में 7.52 फीसदी इजाफा करने की मांग की है। इसके लिए कंपनी ने मप्र विद्युत विनियामक आयोग में एक महीने पहले याचिका दायर कर दी थी। इस याचिका को आयोग ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। आयोग ने बिजली कंपनियों की मांग पर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं। 24 जनवरी तक आयोग के पास सुझाव होंगे। इन सुझावों पर सुनवाई के बाद नया टैरिफ लागू होगा।
बिजली कंपनियों ने वर्ष 2025-26 के लिए 58744.15 करोड के राज्य की जरूरत बताई है। बिजली कंपनी के मुताबिक प्रचालित दरों पर 54636 करोड़ का राजस्व मिलेगा। इससे बिजली कंपनियों को 4107.18 करोड़ का नुकसान होगा। इसकी भरपाई के लिए कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने की मांग की है। बिजली कंपनियों ने टैरिफ स्लैब खत्म करने का प्रस्ताव आयोग में दिया। बिजली कंपनियां 300 यूनिट से अधिक टैरिफ स्लैब को खत्म करना चाहते हैं। यदि ऐसा होता है तो तीन टैरिफ स्लैब बचेंगे। उपभोक्ताओं का बिल चार टैरिफ स्लैब के मुताबिक बनता है। पहले 0 से 50, दूसरा 51 से 150, तीसरा 151 से 300 और चौथा टैरिफ स्लैब 300 यूनिट से अधिक का होगा। चौथे टैरिफ स्लैब को खत्म कर 151 से ज्यादा यूनिट में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। 151 से 300 यूनिट तक बिजली खपत वाले लोगों को नुकसान होगा।