मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 9 जून को होगा, एनडीए गठबंधन में भाजपा के जीते मंत्रियों को फिर मिलेगा मौका..!
नई दिल्ली. दिल्ली में आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के महत्वपूर्ण बैठक हुई है, जिसमें अमित शाह व राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. बैठक में नई सरकार बनाने, भाजपा व उसके सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में जगह देने पर चर्चा हुई है. वहीं एक खबर यह है कि अब नरेन्द्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 8 को नहीं बल्कि 9 जून को शाम 6 बजे होगा.
खबर है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के जीते हुए लगभग सभी मंत्रियों को फिर मौका मिलेगा. विवाद से जुड़े चेहरों के नाम मंत्री पद की लिस्ट से काटे जा सकते हैं. चुनाव हारीं स्मृति ईरानी व राजीव चंद्रशेखर को पार्टी एक और मौका दे सकती है. इन्हें फिर से मंत्री पद मिल सकता है. स्मृति और राजीव को मंत्री बनने के बाद 6 महीने के अंदर या तो किसी खाली सीट से लोकसभा चुनाव जीतना होगा या फिर उन्हें राज्यसभा भेजकर मंत्री पद दिया जा सकता है. स्मृति 2014 में भी अमेठी से हारने के बावजूद मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी थीं. उन्हें राज्यसभा के जरिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिया गया था. भाजपा ने चुनाव में 50 केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया था. इनमें 19 केंद्रीय मंत्री हार गए हैं. अमेठी से स्मृति ईरानी को कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने 1.67 लाख वोटों से हराया. तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को 16 हजार वोटों से हराया है.
चर्चा है कि जेडीयू् की नजर रेलवे-कृषि मंत्रालय के साथ बिहार के लिए विशेष पैकेज पर है. टीडीपी ने 5 मंत्रालयों व लोकसभा स्पीकर पद की मांग रखी है. इनमें ग्रामीण विकास आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जल शक्ति मंत्रालय शामिल हैं. टीडीपी वित्त मंत्रालय का अतरिक्त प्रभार भी मांग रही है. आंध्र प्रदेश में फ्री की योजनाओं के चलते आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. इसलिए नायडू चाहते हैं कि वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार उन्हें मिले. केंद्र सरकार के 10 सबसे ताकतवर और समृद्ध मंत्रालय गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, रेलवे, सूचना प्रसारण, शिक्षा, कृषि, सड़क परिवहन व सिविल एविएशन हैं. अकेले बहुमत होने से 2019 और 2014 में भाजपा ने सभी बड़े विभाग अपने पास रखे थे.
सहयोगी दलों के है 53 सांसद-
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें मिली हैं. यह बहुमत के आंकड़े 272 से 32 सीटें कम हैं. हालांकि एडीए ने 292 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया. एनडीए में भाजपा के अलावा 14 सहयोगी दलों के 53 सांसद हैं. गठबंधन में चंद्रबाबू की टीडीपी 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की जेडीयू 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. दोनों ही पार्टियां इस वक्त भाजपा के लिए जरूरी हैं. इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है.
सरकार बनने से पहले सहयोगी पार्टियां मुखर-
भाजपा के साथ सरकार बनने से पहले ही सहयोगी पार्टियां उनके फैसलों और रिफॉर्म्स के खिलाफ मुखर होती नजर आ रही हैं. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने आज कहा कि अग्निवीर योजना को लेकर मतदाताओं का एक वर्ग नाराज है. यूसीसी पर सीएम नीतीश कुमार विधि आयोग प्रमुख को पहले ही पत्र लिखा चुके हैं. हम इसके खिलाफ नहीं हैं लेकिन सभी हितधारकों से बात करके इसका समाधान निकाला जाना चाहिए. हमारी पार्टी चाहती है कि जिन कमियों पर जनता ने सवाल उठाए हैं उन पर विस्तार से चर्चा हो और उन्हें दूर किया जाए.
चिराग ने कहा मैने नहीं मांगा है मंत्री पद-
एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में 2-3 पदों की मांग की बात को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी कोई मांग नहीं की है. ऐसी कोई मांग हो भी नहीं सकती क्योंकि हमारा लक्ष्य नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना है. यह विशेष अधिकार प्रधानमंत्री के पास ही है कि वे अपने मंत्रिमंडल में किसको जगह देते हैं और किसको नहीं देते हैं.
महाराष्ट्र के 5-6 चेहरो को मंत्रीमंडल में मिल सकता स्थान-
मोदी सरकार के नए कैबिनेट में महाराष्ट्र के 5-6 चेहरों को शामिल करने की चर्चा है. सूत्रों के मुताबिक सभी पार्टियों के लिए 5 सांसद पर एक कैबिनेट मंत्री पद का फॉर्मूला तय हुआ है. नितिन गडकरी, नारायण राणे व पीयूष गोयल का नाम मंत्री पद के रेस में आगे है. शिवसेना शिंदे गुट एक कैबिनेट मंत्री व एक राज्यमंत्री का पद मांग रही है. एनसीपी अजित गुट भी एक कैबिनेट पद की डिमांड रख सकती है. एनडीए सरकार के प्रति मराठाओं की नाराजगी कम करने के लिए एक मंत्री मराठा समुदाय से बनाया जा सकता है.