टीवी के एग्जिट पोल में शामिल नहीं है राजगढ़
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हम लड़े है और हम जीतेंगेः दिग्विजय
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और राजगढ़ से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने एग्जिट पोल पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में राजगढ़ ष्शामिल नहीं है। मेरी अपने सहयोगियों, समर्थकों से अपील है कि वे मतगणना पर ध्यान दें, ताकि गड़बड़ी ना हो सके।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों राजगढ़, गुना और आगर मालवा में फैला हुआ है। अगर किसी टीवी चैनल को यहां एग्जिट पोल करना था तो उसको इन तीनों जिलों में अपने लोग भेजने थे। क्या उन्होंने भेजे? राघोगढ़ से लेकर सुसनेर तक एक ही दिन में एक साथ वोट डालकर बाहर आ रहे लोगों से पूछना कि किसको वोट दिया और एग्जिट पोल तैयार करना संभव नहीं। इसके लिए कम से कम 100 लोगों से ऊपर की टीम चाहिए।
उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में राजगढ़ शामिल नहीं है। मेरी अपने सहयोगियों और समर्थकों से अपील है कि मतगणना पर ध्यान रखें ताकि कोई गड़बड़ी ना होने पाये। राजगढ़ में चुनाव आप सबकी कड़ी मेहनत और जनता के समर्थन से लड़ा गया है। बस एक काउंटिंग वाले दिन की मेहनत बाकी है। हमारे मतगणना एजेंट्स से बस एक अनुरोध और है जब तक नतीजा घोषित ना हो जाए तब तक अपनी टेबल ना छोड़ें। हम लड़े हैं और हम जीतेंगे।
खोल रहा हूं एग्जिट पोल वाले गुप्ता की पोल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा को प्रचंड बहुमत देने वाले प्रदीप गुप्ता मध्यप्रदेश के वारासिवनी (बालाघाट) के रहने वाले है अपने आप को भारत के सबसे बड़े चुनावी पंडित बताने वाले गुप्ता 90 के दशक में मुंबई में छोटी सी एडवरटाइजिंग कंपनी चलाते थे, जिसका चुनाव सर्वेक्षणों से दूर दूर तक कोई रिश्ता नही था। अपने सीवी में इंजीनियरिंग की डिग्री लगाने वाले पहले प्रिंटिंग बिजनेस करते थे, उसमें असफल रहे तो कलेक्शन एजेंसी खोल ली, फिर सर्वे एजेंसियों के लिए डेटा कलेक्शन का काम करने लगे और फिर खुद की सर्वे एजेंसी खोल ली औऱ अपने “संघी“ साथियों की मदद से थोड़ा बहुत काम भी मिल गया। 2014 से लेकर 2023 तक के उनके सारे एग्जिट पोल देख लीजिए उन्होंने भाजपा के वोट को हमेशा ओवर इस्टीमेट किया है, इसलिए बंगाल, बिहार और कर्नाटक में फेल रहे है, क्योंकि उनका डेटा सोर्स भाजपा का इको सिस्टम ही है इसलिए जहां भाजपा फेल होती है वहां वो भी फेल हो जाते है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले प्रदीप गुप्ता को भारत का कोई सेफाल्जिस्ट नहीं जानता था पर भाजपा के राइस के साथ गुप्ता का भी राइस हो गया है सुना है प्रदीप गुप्ता, भाजपा के लिए बहुत सारे काम करते है यकीन नही आता तो तस्वीर देख लीजिए प्रदीप गुप्ता की कामयाबी का राज पता चल जाएगा।
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और राजगढ़ से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने एग्जिट पोल पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में राजगढ़ ष्शामिल नहीं है। मेरी अपने सहयोगियों, समर्थकों से अपील है कि वे मतगणना पर ध्यान दें, ताकि गड़बड़ी ना हो सके।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों राजगढ़, गुना और आगर मालवा में फैला हुआ है। अगर किसी टीवी चैनल को यहां एग्जिट पोल करना था तो उसको इन तीनों जिलों में अपने लोग भेजने थे। क्या उन्होंने भेजे? राघोगढ़ से लेकर सुसनेर तक एक ही दिन में एक साथ वोट डालकर बाहर आ रहे लोगों से पूछना कि किसको वोट दिया और एग्जिट पोल तैयार करना संभव नहीं। इसके लिए कम से कम 100 लोगों से ऊपर की टीम चाहिए।
उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में राजगढ़ शामिल नहीं है। मेरी अपने सहयोगियों और समर्थकों से अपील है कि मतगणना पर ध्यान रखें ताकि कोई गड़बड़ी ना होने पाये। राजगढ़ में चुनाव आप सबकी कड़ी मेहनत और जनता के समर्थन से लड़ा गया है। बस एक काउंटिंग वाले दिन की मेहनत बाकी है। हमारे मतगणना एजेंट्स से बस एक अनुरोध और है जब तक नतीजा घोषित ना हो जाए तब तक अपनी टेबल ना छोड़ें। हम लड़े हैं और हम जीतेंगे।
खोल रहा हूं एग्जिट पोल वाले गुप्ता की पोल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा को प्रचंड बहुमत देने वाले प्रदीप गुप्ता मध्यप्रदेश के वारासिवनी (बालाघाट) के रहने वाले है अपने आप को भारत के सबसे बड़े चुनावी पंडित बताने वाले गुप्ता 90 के दशक में मुंबई में छोटी सी एडवरटाइजिंग कंपनी चलाते थे, जिसका चुनाव सर्वेक्षणों से दूर दूर तक कोई रिश्ता नही था। अपने सीवी में इंजीनियरिंग की डिग्री लगाने वाले पहले प्रिंटिंग बिजनेस करते थे, उसमें असफल रहे तो कलेक्शन एजेंसी खोल ली, फिर सर्वे एजेंसियों के लिए डेटा कलेक्शन का काम करने लगे और फिर खुद की सर्वे एजेंसी खोल ली औऱ अपने “संघी“ साथियों की मदद से थोड़ा बहुत काम भी मिल गया। 2014 से लेकर 2023 तक के उनके सारे एग्जिट पोल देख लीजिए उन्होंने भाजपा के वोट को हमेशा ओवर इस्टीमेट किया है, इसलिए बंगाल, बिहार और कर्नाटक में फेल रहे है, क्योंकि उनका डेटा सोर्स भाजपा का इको सिस्टम ही है इसलिए जहां भाजपा फेल होती है वहां वो भी फेल हो जाते है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले प्रदीप गुप्ता को भारत का कोई सेफाल्जिस्ट नहीं जानता था पर भाजपा के राइस के साथ गुप्ता का भी राइस हो गया है सुना है प्रदीप गुप्ता, भाजपा के लिए बहुत सारे काम करते है यकीन नही आता तो तस्वीर देख लीजिए प्रदीप गुप्ता की कामयाबी का राज पता चल जाएगा।