जीतू को राहत, इमरती को नोटिस, सरकार से मांगा जवाब
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चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान का मामला
भोपाल। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मंत्री इमरती देवी पर दिए बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने जीतू पटवारी की गिरफ्तार पर रोक लगा दी है। साथ ही इमरती देवी नोटिस भेजा है। वहीं राज्य सरकार से जवाब मांगा है। जीतू पटवारी ने इमरती देवी पर आपत्तिजनक बयान दिया था।
लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व मंत्री इमरती देवी पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। पटवारी ने कहा था कि ’इमरती का रस खत्म हो गया है। इस बयान के आने के बाद इमरती देवी की और से जीतू पटवारी के खिलाफ डबरा पुलिस थाने में एससी-एसटी एक्ट के साथ ही आईपीसी की धारा 509 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। जीतू के खिलाफ इसी एफआईआर को खारिज करवाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका की सुनवाई के दौरान जीतू पटवारी की ओर से उनके वकील विभोर खंडेलवाल और जयेश ने तर्क दिया कि ’जीतू पटवारी ने जो बयान दिया था. उसमें किसी जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसलिए एससी-एसटी एक्ट के तहत जो मामला दर्ज किया गया है। उसे फिर खारिज किया जाए। धारा 509 के तहत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यौन उत्पीड़न के मामले में भी वकीलों का तर्क था कि यह आरोप भी पूरी तरह गलत है। वकीलों के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है, साथ ही इमरती देवी को भी नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।
भोपाल। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मंत्री इमरती देवी पर दिए बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने जीतू पटवारी की गिरफ्तार पर रोक लगा दी है। साथ ही इमरती देवी नोटिस भेजा है। वहीं राज्य सरकार से जवाब मांगा है। जीतू पटवारी ने इमरती देवी पर आपत्तिजनक बयान दिया था।
लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व मंत्री इमरती देवी पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। पटवारी ने कहा था कि ’इमरती का रस खत्म हो गया है। इस बयान के आने के बाद इमरती देवी की और से जीतू पटवारी के खिलाफ डबरा पुलिस थाने में एससी-एसटी एक्ट के साथ ही आईपीसी की धारा 509 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। जीतू के खिलाफ इसी एफआईआर को खारिज करवाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका की सुनवाई के दौरान जीतू पटवारी की ओर से उनके वकील विभोर खंडेलवाल और जयेश ने तर्क दिया कि ’जीतू पटवारी ने जो बयान दिया था. उसमें किसी जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसलिए एससी-एसटी एक्ट के तहत जो मामला दर्ज किया गया है। उसे फिर खारिज किया जाए। धारा 509 के तहत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यौन उत्पीड़न के मामले में भी वकीलों का तर्क था कि यह आरोप भी पूरी तरह गलत है। वकीलों के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है, साथ ही इमरती देवी को भी नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।