मुख्यमंत्री सहित आठ मंत्रियों के लिए मतदान प्रतिशत बढ़ाना चुनौती
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चौथे चरण के चुनाव में मतदान बढ़ाने बहाया खूब पसीना
भोपाल। प्रदेश में चौथे चरण के मतदान वाले लोकसभा क्षेत्रों में एक बार फिर मतदान का प्रतिशत बढ़ाना भाजपा के लिए चिंता बना हुआ है। केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश के चलते इन क्षेत्रों में अब मुख्यमंत्री सहित आठ मंत्रियों के लिए यह चुनौती बन गया है। मंत्री और विधायकों के साथ संगठन लगातार प्रयास तो कर रहा है। मगर सफलता उस तरह नहीं मिली है जिस तरह वे चाहते हैं। इसके लिए मंत्रियों की परेशानी भी बढ़ रही है।
प्रदेश में जब दो चरणों के मतदान में मतदान का प्रतिशत कम रहा तो भोपाल से लेकर दिल्ली तक संगठन की चिंता बढ़ गई है। इसके बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित ष्शाह ने सख्त निर्देश देते हुए प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों को हिदायत भी दे दी थी कि अगर अगले दो चरणों में मतदान नहीं बढ़ा तो मंत्री और विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी इसी के आधार पर तय होगा। मतलब साफ था कि मंत्री, विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में मतदान बढ़ाना है अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो उनके मंत्री पद पर तलवार लटकी रहेगी। इसका फैसला चुनाव परिणाम के बाद तय होगा। ष्शाह के निर्देश के बाद सभी ने सक्रियता तो दिखाई। तीसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में इसका असर भी दिखा, मगर वैसा नहीं जैसा की संगठन चाहता था। इसके के बाद अब प्रदेश के चौथे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में यह और चुनौती बन गया है। इन क्षेत्रों में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव सहित आठ मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जहां मतदान होना है। अब इनके सामने बड़ी चुनौती बनी है कि मतदान प्रतिशत किस तरह बढ़ाया जाए। हालांकि पार्टी ने कार्यकर्ता सम्मेलन और महिला मोर्चा के साथ मिलकर अभियान चलाया। साथ ही संघ का भी साथ मिला है। मगर अब देखना है ि कइस चरण में मतदान का प्रतिशत कितना बढता है। अगर मतदान प्रतिशत अपेक्षा के अनुरूप नहीं बढ़ा तो इस अंचल के मंत्रियों के लिए संकट भी बढ़ेगा।
कौन कहां से करता है प्रतिनिधित्व
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़, उज्जैन दक्षिण, कैलाश विजयवर्गीय इंदौर क्रमांक 1, तुलसी सिलावाट, सांवेर, चेतन कश्यप रतलाम ष्शहर, इंदरसिंह परमार ष्शुजालपुर, निर्मला भूरिया पेटलावद और नागर सिंह चौहान अलीराजपुर विधानसभा सीटों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भोपाल। प्रदेश में चौथे चरण के मतदान वाले लोकसभा क्षेत्रों में एक बार फिर मतदान का प्रतिशत बढ़ाना भाजपा के लिए चिंता बना हुआ है। केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश के चलते इन क्षेत्रों में अब मुख्यमंत्री सहित आठ मंत्रियों के लिए यह चुनौती बन गया है। मंत्री और विधायकों के साथ संगठन लगातार प्रयास तो कर रहा है। मगर सफलता उस तरह नहीं मिली है जिस तरह वे चाहते हैं। इसके लिए मंत्रियों की परेशानी भी बढ़ रही है।
प्रदेश में जब दो चरणों के मतदान में मतदान का प्रतिशत कम रहा तो भोपाल से लेकर दिल्ली तक संगठन की चिंता बढ़ गई है। इसके बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित ष्शाह ने सख्त निर्देश देते हुए प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों को हिदायत भी दे दी थी कि अगर अगले दो चरणों में मतदान नहीं बढ़ा तो मंत्री और विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी इसी के आधार पर तय होगा। मतलब साफ था कि मंत्री, विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में मतदान बढ़ाना है अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो उनके मंत्री पद पर तलवार लटकी रहेगी। इसका फैसला चुनाव परिणाम के बाद तय होगा। ष्शाह के निर्देश के बाद सभी ने सक्रियता तो दिखाई। तीसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में इसका असर भी दिखा, मगर वैसा नहीं जैसा की संगठन चाहता था। इसके के बाद अब प्रदेश के चौथे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में यह और चुनौती बन गया है। इन क्षेत्रों में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव सहित आठ मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जहां मतदान होना है। अब इनके सामने बड़ी चुनौती बनी है कि मतदान प्रतिशत किस तरह बढ़ाया जाए। हालांकि पार्टी ने कार्यकर्ता सम्मेलन और महिला मोर्चा के साथ मिलकर अभियान चलाया। साथ ही संघ का भी साथ मिला है। मगर अब देखना है ि कइस चरण में मतदान का प्रतिशत कितना बढता है। अगर मतदान प्रतिशत अपेक्षा के अनुरूप नहीं बढ़ा तो इस अंचल के मंत्रियों के लिए संकट भी बढ़ेगा।
कौन कहां से करता है प्रतिनिधित्व
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़, उज्जैन दक्षिण, कैलाश विजयवर्गीय इंदौर क्रमांक 1, तुलसी सिलावाट, सांवेर, चेतन कश्यप रतलाम ष्शहर, इंदरसिंह परमार ष्शुजालपुर, निर्मला भूरिया पेटलावद और नागर सिंह चौहान अलीराजपुर विधानसभा सीटों का प्रतिनिधित्व करते हैं।