दिग्विजय की भावुक अपील, यह मेरा आखिरी चुनाव
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भोपाल। राजगढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मतदान के पहले एक बार फिर राजगढ़ के मतदाताओं से भावुक अपील की है कि यह मेरा आखिरी चुनाव है। आप यह तय करेंगे कि मैं राजनीतिक जीवन में कितना सफल हुआ।
राजगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने मतदान से पहले सोशल मीडिया पर राजगढ़ की जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह चुनाव मेरे जीवन का आखिरी चुनाव है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राजगढ़ की जनता तय करेगी मैं कितना सफल हुआ। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पिता जी के देहांत के बाद शहर के एक सेठ मुझसे मिलने आए थे। मुलाकात के बाद सेठ ने मुझसे कहा “राजा साहब हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य हिंदी की बारह खड़ी के अनुसार होता है। ‘क’ से कमाओ- इतना कमाओ कि आपके परिवार को कमा कर ‘ख’ से खिला सके। ‘ग’ से गहना – जो बचत हो उससे गहना बनाओ। ‘घ’ से घर – गहना ख़रीद कर बचत से घर बनाओ। ‘ङ’ से नाम- घर बनाने के बाद अगर बचत हो तो नाम कमाओ। उन्होंने कहा आप भाग्यशाली हो आपको खाने की कमी नहीं, गहनों की कमी नहीं, घर की कमी नहीं। बस अब ‘आप नाम कमाओ’। मैंने अपने 50 वर्षों के राजनैतिक जीवन में बस यही करने का प्रयास किया है। उसमें मैं कितना सफल हुआ इसका आँकलन मैं स्वयं नहीं कर सकता केवल आम लोग ही कर सकते हैं। यह मेरे जीवन का आख़री चुनाव है और आप यह तय करेंगे कि मैं इसमें कितना सफल हुआ।
राजगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने मतदान से पहले सोशल मीडिया पर राजगढ़ की जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह चुनाव मेरे जीवन का आखिरी चुनाव है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राजगढ़ की जनता तय करेगी मैं कितना सफल हुआ। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पिता जी के देहांत के बाद शहर के एक सेठ मुझसे मिलने आए थे। मुलाकात के बाद सेठ ने मुझसे कहा “राजा साहब हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य हिंदी की बारह खड़ी के अनुसार होता है। ‘क’ से कमाओ- इतना कमाओ कि आपके परिवार को कमा कर ‘ख’ से खिला सके। ‘ग’ से गहना – जो बचत हो उससे गहना बनाओ। ‘घ’ से घर – गहना ख़रीद कर बचत से घर बनाओ। ‘ङ’ से नाम- घर बनाने के बाद अगर बचत हो तो नाम कमाओ। उन्होंने कहा आप भाग्यशाली हो आपको खाने की कमी नहीं, गहनों की कमी नहीं, घर की कमी नहीं। बस अब ‘आप नाम कमाओ’। मैंने अपने 50 वर्षों के राजनैतिक जीवन में बस यही करने का प्रयास किया है। उसमें मैं कितना सफल हुआ इसका आँकलन मैं स्वयं नहीं कर सकता केवल आम लोग ही कर सकते हैं। यह मेरे जीवन का आख़री चुनाव है और आप यह तय करेंगे कि मैं इसमें कितना सफल हुआ।