पूर्व आईएएस अधिकारी देंगे खजुराहो में वी डी शर्मा को टक्कर
इंडिया गठबंधन ने फारवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी को दिया समर्थन
भोपाल। खजुराहो लोकसभा सीट में भाजपा प्रत्याशी वीडी शर्मा को वाकओवर नहीं मिलने वाला। इंडिया गठबंधन ने यहां फारवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी सेवानिवृत्त आरबी प्रजापति को अपना समर्थन दिया है। समाजवादी पार्टी ने भी आर बी प्रजापति को अपना समर्थन दिया है।
खजुराहो लोकसभा सीट में भाजपा और बसपा के साथ कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा और बसपा ने कमलेश पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस-सपा की संयुक्त प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त हो गया था, जिसके बाद उन्होंने फारवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी सेवानिवृत्त आईएएस आरबी प्रजापित को इंडिया गठबंधन ने समर्थन दिया है। इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पार्टी ने खजुराहो लोकसभा सीट इंडिया गठबंधन के अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दिया था। दुर्भाग्य से सत्ता के खुले खेल और लोकतंत्र के सभी मानदंडों के खिलाफ जाकर भाजपा, सपा उम्मीदवार का नामांकन खारिज करवाने में सफल हो गई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अब इंडिया गठबंधन के एक अन्य सदस्य ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी आरबी प्रजापति को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। वह मध्य प्रदेश के खजुराहो लोकसभा से इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी होंगे।
गौरतलब है कि खजुराहो लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की मीरा यादव को नामांकन रद्द हुआ था। नामांकन फार्म में त्रुटि के कारण नामांकन निरस्त कर दिया गया था, जिसके बाद अब इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक को इंडिया गठबंधन का समर्थन दिया गया है। बता दें कि कुछ दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से आरबी प्रजापति की मुलाकात हुई थी।
कौन है आर डी प्रजापति
खजुराहो लोकसभा सीट में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बनाए गए आरबी प्रजापति मूलतः छतरपुर जिले के निवासी हैं। अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं। मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी थे। मार्च 2020 में वह शहडोल कमिश्नर के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। इससे पहले शिवपुरी में ढाई साल अपर कलेक्टर और ग्वालियर चंबल में 10 साल तक एसडीएम, सहायक कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ रहे। 2020 के उपचुनाव में आरबी प्रजापति ने शिवपुरी के करैरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। प्रशासनिक सेवा से पहले कुछ साल उन्होंने छतरपुर के महाराजा कॉलेज में सहायक प्राध्यापक रहे हैं।