जीत के लिए आखिरी चुनाव का दाव
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कांग्रेस नेताओं को मतदाता का कितना मिलेगा साथ
भोपाल। प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे कांग्रेस नेताओं ने मतदाता के बीच अब जीत के लिए नया दाव खेला है। दिग्गज नेताओं ने चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बताना ष्शुरू कर दिया है। नेताआें के इस फैसले से मतदाता कितना भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ता है, इसका पता तो परिणाम आने के बाद चलेगा, मगर फिलहाल नेताओं और समर्थकों को इस बात पर भरोसा है कि नेताओं का यह दाव उन्हें जीत तक पहुंचा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस ने ना चाहकर भी दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार दिया। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया का नाम सबसे आगे है। पहले ये नेता चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, मगर हाईकमान के फैसले के चलते इन्हें मैदान में उतरना पड़ा। जबकि छिंदवाड़ा से पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को मैदान में उतारना चाहती थी, मगर उन्होंने अपने सांसद पुत्र नकुलनाथ के नाम पर ही सहमति दी। इसके चलते वे तो चुनाव मैदान में नहीं है, मगर उनके पुत्र के लिए वे पूरी तरह से जीत के लिए जुटे हुए हैं। इन तीनों नेताओं ने अब मतदाता के बीच यह बात कहनी ष्शुरू कर दी है कि युवाओं को मौका देने के लिए वे यह आखिरी चुनाव के लिए मैदान में सक्रिय हैं। खासकर दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया तो मतदाता के बीच पहुंचकर यह बात खूब कह भी रहे हैं। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी यह बता चुके हैं कि यह चुनाव उनका आखिरी चुनाव ही है। वे जनता के बीच पहुंचकर कह रहे हैं कि मैं अंतिम सांस तक छिंदवाड़ा की सेवा करता रहूंगा। भाजपा ने उनके विश्वस्त लोगों को तोड़ लिया है। आगामी चुनाव तक कमलनाथ की उम्र 83 पार हो जाएगी, इसलिए वह पुराने संबंधों की दुहाई दे रहे हैं।
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी पदयात्रा करते हुए भावनात्मक अपील कर रहे हैं कि अब उनकी उम्र हो रही है, वे चुनाव मैदान में इस बार आखिरी बार हैं। इसके बाद चुनाव से दूरी बनाएंगे। इसी तरह रतलाम-झाबुआ से पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया भी चुनावी सभाओं में कहते नजर आ रहे हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है। उनके बेटे-बहु आदिवासी समाज में इमोशनल अपील के सहारे उन्हें लुभाने में जुटे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे प्रतापभानु ष्शर्मा भी विदिशा की जनता के बीच यह कहकर पहुंच रहे हैं कि अगले चुनाव के वक्त तक उनकी उम्र 82 के करीब होगी। इसलिए यह उनका आखिरी चुनाव ही समझें। वे जनता के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सांसद और विधायक के अलावा मुख्यमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में विदिशा क्या किया इसका हिसाब मांग रहे हैं।
भोपाल। प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे कांग्रेस नेताओं ने मतदाता के बीच अब जीत के लिए नया दाव खेला है। दिग्गज नेताओं ने चुनाव को अपना आखिरी चुनाव बताना ष्शुरू कर दिया है। नेताआें के इस फैसले से मतदाता कितना भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ता है, इसका पता तो परिणाम आने के बाद चलेगा, मगर फिलहाल नेताओं और समर्थकों को इस बात पर भरोसा है कि नेताओं का यह दाव उन्हें जीत तक पहुंचा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस ने ना चाहकर भी दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार दिया। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया का नाम सबसे आगे है। पहले ये नेता चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, मगर हाईकमान के फैसले के चलते इन्हें मैदान में उतरना पड़ा। जबकि छिंदवाड़ा से पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को मैदान में उतारना चाहती थी, मगर उन्होंने अपने सांसद पुत्र नकुलनाथ के नाम पर ही सहमति दी। इसके चलते वे तो चुनाव मैदान में नहीं है, मगर उनके पुत्र के लिए वे पूरी तरह से जीत के लिए जुटे हुए हैं। इन तीनों नेताओं ने अब मतदाता के बीच यह बात कहनी ष्शुरू कर दी है कि युवाओं को मौका देने के लिए वे यह आखिरी चुनाव के लिए मैदान में सक्रिय हैं। खासकर दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया तो मतदाता के बीच पहुंचकर यह बात खूब कह भी रहे हैं। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी यह बता चुके हैं कि यह चुनाव उनका आखिरी चुनाव ही है। वे जनता के बीच पहुंचकर कह रहे हैं कि मैं अंतिम सांस तक छिंदवाड़ा की सेवा करता रहूंगा। भाजपा ने उनके विश्वस्त लोगों को तोड़ लिया है। आगामी चुनाव तक कमलनाथ की उम्र 83 पार हो जाएगी, इसलिए वह पुराने संबंधों की दुहाई दे रहे हैं।
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी पदयात्रा करते हुए भावनात्मक अपील कर रहे हैं कि अब उनकी उम्र हो रही है, वे चुनाव मैदान में इस बार आखिरी बार हैं। इसके बाद चुनाव से दूरी बनाएंगे। इसी तरह रतलाम-झाबुआ से पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया भी चुनावी सभाओं में कहते नजर आ रहे हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है। उनके बेटे-बहु आदिवासी समाज में इमोशनल अपील के सहारे उन्हें लुभाने में जुटे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे प्रतापभानु ष्शर्मा भी विदिशा की जनता के बीच यह कहकर पहुंच रहे हैं कि अगले चुनाव के वक्त तक उनकी उम्र 82 के करीब होगी। इसलिए यह उनका आखिरी चुनाव ही समझें। वे जनता के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सांसद और विधायक के अलावा मुख्यमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में विदिशा क्या किया इसका हिसाब मांग रहे हैं।