बैंड-बाजे बजाने की अनुमति लेनी होगी एसडीएम से
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अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटेगा प्रशासन
भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए लागू की गई आचार संहिता के बाद अब बैंड-बाजा और डीजे बजाने के लिए एसडीएम से अनुमति लेना पड़ेगी। भोपाल जिले के 10 हजार 800 शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। एक सप्ताह में शस्त्र नजदीकी थाने या शस्त्र डीलर के यहां जमा करना पड़ेंगे। चुनाव के दौरान सोशल मीडिया सहित अन्य तरह से अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आचार संहिता को देखते हुए जिले में धारा-144 लागू कर दी है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और उनके राजनैतिक दलों के नेताओं को वाहन रैली, जुलूस या आमसभा करने पर परमिशन लेना पड़ेगी। चुनाव का ऐलान होने के साथ अब चुनावी प्रचार पर निर्वाचन आयोग की टीम निगरानी रखेगी। वर्तमान में शादियों का सीजन बंद है, हालांकि अप्रैल माह में शादियां होंगी, जिसको देखते हुए शादी समारोह में बैंड-बाजा और डीजे बजाने के लिए परमिशन लेना पड़ेगी। उन्होंने बताया कि आचार संहिता लागू होते ही भोपाल में सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। सभी प्रकार के अवकाश की अनुमति अब कलेक्टर ही देंगे। सभी को मुख्यालय पर रहने को कहा गया है। बाहर जाने के लिए भी कलेक्टर से परमिशन लेना पड़ेगी। सार्वजनिक अवकाश के दिन भी कार्यालय खुले रहेंगे।
अवैध शराब के परिवहन और बिक्री पर निगरानी
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान अवैध शराब के संग्रहण, परिवहन और बिक्री पर रोक लगाने लिए आबकारी ने दस-अलग-अलग उड़नदस्ते बनाए हैं। उड़नदस्ते के सदस्यों को सातों दिन 24 घंटे अपने मोबाइल ऑन रखना होगा। इधर, होटल, रेस्टोरेंट या अवैधानिक जगहों पर शराब पीने और पिलाने के मामले सामने आने के बाद संबंधितों के गुमाश्ता, फूड लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। सहायक आबकारी आयुक्त दीपम रायचुरा ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अवैध शराब की धरपकड़ के लिए 10 उड़नदस्ते गठित कर इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए लागू की गई आचार संहिता के बाद अब बैंड-बाजा और डीजे बजाने के लिए एसडीएम से अनुमति लेना पड़ेगी। भोपाल जिले के 10 हजार 800 शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। एक सप्ताह में शस्त्र नजदीकी थाने या शस्त्र डीलर के यहां जमा करना पड़ेंगे। चुनाव के दौरान सोशल मीडिया सहित अन्य तरह से अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आचार संहिता को देखते हुए जिले में धारा-144 लागू कर दी है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और उनके राजनैतिक दलों के नेताओं को वाहन रैली, जुलूस या आमसभा करने पर परमिशन लेना पड़ेगी। चुनाव का ऐलान होने के साथ अब चुनावी प्रचार पर निर्वाचन आयोग की टीम निगरानी रखेगी। वर्तमान में शादियों का सीजन बंद है, हालांकि अप्रैल माह में शादियां होंगी, जिसको देखते हुए शादी समारोह में बैंड-बाजा और डीजे बजाने के लिए परमिशन लेना पड़ेगी। उन्होंने बताया कि आचार संहिता लागू होते ही भोपाल में सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। सभी प्रकार के अवकाश की अनुमति अब कलेक्टर ही देंगे। सभी को मुख्यालय पर रहने को कहा गया है। बाहर जाने के लिए भी कलेक्टर से परमिशन लेना पड़ेगी। सार्वजनिक अवकाश के दिन भी कार्यालय खुले रहेंगे।
अवैध शराब के परिवहन और बिक्री पर निगरानी
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान अवैध शराब के संग्रहण, परिवहन और बिक्री पर रोक लगाने लिए आबकारी ने दस-अलग-अलग उड़नदस्ते बनाए हैं। उड़नदस्ते के सदस्यों को सातों दिन 24 घंटे अपने मोबाइल ऑन रखना होगा। इधर, होटल, रेस्टोरेंट या अवैधानिक जगहों पर शराब पीने और पिलाने के मामले सामने आने के बाद संबंधितों के गुमाश्ता, फूड लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। सहायक आबकारी आयुक्त दीपम रायचुरा ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अवैध शराब की धरपकड़ के लिए 10 उड़नदस्ते गठित कर इसके आदेश जारी कर दिए हैं।