सरकार ने पेश किया लेखानुदान, जुलाई में पेश करेगी बजट
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भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा पहले लेखानुदान को आज विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पेश कर दिया है। यह लेखानुदान वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरूआत के चार माह 1 अप्रैल से 31 जुलाई 2024 के लिए प्रस्तुत किया गया है। जुलाई माह में सरकार बजट लेकर आएगी। लेखानुदान 1 लाख 45 हजार 229.55 करोड़ का है। लेखानुदान के द्वारा प्राप्त राशि मुख्य बजट में शामिल की जाएगी।
राज्य सरकार ने लेखानुदान में विभागों के लिए चार माह के लिए बजट का प्रावधान किया है। इसमें महिला बाल विकास की योजनाओं के लिए 9 हजार 360 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के लिए 1240 करोड़, पंचायत विभाग के लिए 4228 करोड़, जनसंपर्क के लिए 289 करोड़, ग्रामीण विकास के लिए 5100 करोड़, नगरीय विकास के लिए 4654 करोड़, परिवहन के लिए 62 करोड़, स्वास्थ्य विभाग के लिए 5417 करोड़, चिकित्सा शिक्षा के लिए 1228 करोड़, सहकारिता विभाग के लिए 443 करोड़, ऊर्जा विभाग के लिए 4059 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि कहा कि अभी चार महीने तक सभी योजनाएं चलती रहे, इसके लिए लेखानुदान लाया गया है। कोई नई योजना शुरू नहीं की जाएगी और न नया टैक्स लगाया जाएगा। वहीं प्रदेश की बहुचर्चित लाड़ली बहना योजना को हर माह दी जाने वाली 1 हजार 250 रुपए की राशि के हिसाब से चार महीने का आवंटन महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने लेखानुदान में विभागों के लिए चार माह के लिए बजट का प्रावधान किया है। इसमें महिला बाल विकास की योजनाओं के लिए 9 हजार 360 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग के लिए 1240 करोड़, पंचायत विभाग के लिए 4228 करोड़, जनसंपर्क के लिए 289 करोड़, ग्रामीण विकास के लिए 5100 करोड़, नगरीय विकास के लिए 4654 करोड़, परिवहन के लिए 62 करोड़, स्वास्थ्य विभाग के लिए 5417 करोड़, चिकित्सा शिक्षा के लिए 1228 करोड़, सहकारिता विभाग के लिए 443 करोड़, ऊर्जा विभाग के लिए 4059 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि कहा कि अभी चार महीने तक सभी योजनाएं चलती रहे, इसके लिए लेखानुदान लाया गया है। कोई नई योजना शुरू नहीं की जाएगी और न नया टैक्स लगाया जाएगा। वहीं प्रदेश की बहुचर्चित लाड़ली बहना योजना को हर माह दी जाने वाली 1 हजार 250 रुपए की राशि के हिसाब से चार महीने का आवंटन महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया जाएगा।